नई दिल्ली: भारत ने आगामी एक्सिओम-4 (Axiom-4) मिशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा के लिए प्रशिक्षण हेतु दो वायु सेना पायलटों का चयन कर लिया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने बताया कि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला मुख्य अंतरिक्ष यात्री के रूप में काम करेंगे, जबकि ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर उनके बैकअप होंगे।
इस खबर पर भारतीय वायु सेना (IAF) की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। IAF ने ट्वीट किया है कि, "आसमान को गौरव के साथ छूने के बाद, अब भारतीय वायुसेना के लिए अंतरिक्ष को गौरव के साथ छूने का समय है।" इसमें कहा गया है, "ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर को ISS के लिए आगामी इंडो-यूएस एक्सिओम-4 मिशन के लिए चुना गया है। मुख्य अंतरिक्ष यात्री, ग्रुप कैप्टन शुक्ला, 2000 घंटे की उड़ान के साथ एक अनुभवी टेस्ट पायलट हैं।" ISRO ने दोनों को आईएसएस भेजने के लिए एक्सिओम स्पेस के साथ अंतरिक्ष उड़ान समझौते पर हस्ताक्षर किए। अंतरिक्ष एजेंसी के मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र ने शुक्ला को मुख्य मिशन पायलट के रूप में अनुशंसित किया।
एक्सिओम -4 मिशन ISS के लिए चौथा निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन है। नियुक्त किए गए क्रू सदस्यों को मल्टीलेटरल क्रू ऑपरेशन पैनल (MCOP) द्वारा ISS के लिए उड़ान भरने की मंजूरी दी जाएगी। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा है कि, "अनुशंसित गगनयात्री अगस्त 2024 के पहले सप्ताह से मिशन के लिए अपना प्रशिक्षण शुरू करेंगे। इस मिशन के दौरान प्राप्त अनुभव भारतीय मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए फायदेमंद होंगे और यह ISRO और NASA के बीच मानव अंतरिक्ष उड़ान सहयोग को भी मजबूत करेगा।"
बता दें कि, यह मिशन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अमेरिका की राजकीय यात्रा के दौरान एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन भेजने की योजना की घोषणा के एक वर्ष से भी अधिक समय बाद आया है। ये दोनों अधिकारी भारत के गगनयान मिशन के लिए चुने गए चार अंतरिक्ष यात्रियों में शामिल हैं , जो देश का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष यान है। बता दें कि, शुक्ला एक फाइटर जेट पायलट हैं, जिनके पास Su-30 MKI, MiG-21 और MiG-29 सहित विभिन्न विमानों में 2,000 घंटे से अधिक उड़ान का अनुभव है। नायर भी एक फाइटर जेट पायलट हैं, जिन्होंने लगभग 3,000 घंटे की उड़ान का अनुभव दर्ज किया है।