होली का त्यौहार रंगों का त्यौहार होता है. जैसा कि आप जानते हैं फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाता है और इसके अगले दिन ही होली खेली जाती है. होलिका दहन के बाद इसे खेलने वाले को कई लोग धुलेंडी भी कहते हैं. हर गली और मोहल्ले में होलिका दहन किया जाता है और बुराई पर अच्छे की जीत का जश्न मनाया जाता है.
इसी के साथ यहां हम आपको बता रहे हैं होलिका दहन से जुड़ी खास बातें जिनके बारे में आप भी शायद ही जानते होंगे. होलिका दहन के पहले पूजा करने से कई कष्ट दूर होते हैं और इसी से जुडी हम बातें आपको बताने जा रहे हैं किस तरह करें पूजा जिससे आपके भी कष्ट दूर हो जाये. तो आइए जानते हैं :
* होलिका दहन के दिन सबसे पहले पूजा के लिए पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मूंह करके बैठें.
* पूजा की सामग्री में माला, रोली, चावल, फूल, गुलाल, हल्दी का इस्तेमाल करें.
* पूजा करने के लिए कच्चे सूत को होलिका के चारों ओर तीन या सात परिक्रमा से लपेट दे. साथ जी शुद्ध जल और पूजा की सामग्री को अर्पण दे.
* होलिका दहन हो तो दहन के समय नई फसल की गेहूं की बालियां ले और उन्हें सेंक ले.
* रिवाज के अनुसार सिकी हुई बालियों को अपने रिश्तेदारों में बाँट दे जिससे रिश्ते भी मधुर बने रहते हैं और कई कष्ट दूर हो जाते हैं.
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