दिवाली का माहौल चल रहा है और सभी जगह पटाखे फूटने भी शुरू हो गए हैं. ऐसे में कई लोगों को परेशानी होती है और कई बीमारी का शिकार भी हो जाते हैं. इसमें अस्थमा एक बड़ी बीमारी है जिससे बचना बहुत जरुरी है. पटाखों का धुंआ अस्थमा मरीजों के लिए वाकई बहुत खतरनाक होता है. दिवाली से इतर भी बढ़ते प्रदूषण के चलते अस्थमा के मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. अस्थमा एक गंभीर बीमारी है, जो सांस नलिकाओं को प्रभावित करती है. लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसी टिप्स बता रहे हैं, जिनसे दिवाली में भी आपका अस्थमा से बच सकते हैं.
बरतें ये सावधानियां - ज्यादा गर्म कपड़े पहनकर रहें. ऐसी कोई भी सामग्री खाने से बचे, जो शरीर में गर्मी को खत्म करें. धूप निकलने के बाद योग या एक्सरसाइज करनी जरुरी है.
गर्म पानी या गर्म चीज से शरीर के उस हिस्से को गर्माहट दें. इसी के साथ सुतली बम न फोड़ें. यह करीब 120 डेसिबल का होता है. इससे बच्चों के कान का पर्दा फट सकता है. अस्थमा के मरीज बम पटाखों से दूर ही रहना चाहिए. चकरी और अनार के धुएं में सल्फर और कार्बन मोनोआक्साइड जैसे जहरीले रसायन होते हैं. एलर्जी, दमा के मरीजों और बच्चों को इससे बचाना चाहिए.
इनका रखें ख्याल - अपना इन्हेलर हमेशा अपने पास रखें. एसी या पंखे के बिलकुल नीचे ना बैठें. धूल भरे वातावरण से ढककर रखें. घर और बाहर तापमान में परिवर्तन से सावधान रहें. ज्यादा गर्म और ज्यादा नम वातावरण से बचें क्योंकि ऐसे में मोल्ड स्पोर्स के फैलने की सम्भावना भी बढ़ जाती है. आंधी और तूफान के समय घर से बाहर ना निकलें. अस्थमा को नियंत्रित रखें और अपनी दवाएं हमेशा साथ रखें.
अगर आपका बच्चा अस्थमैटिक है तो उसके दोस्तों व अध्यापक को बता दें कि अटैक की स्थिति में क्या करें. हो सके तो अपने पास स्कार्फ रखें जिससे आप हवा के साथ आने वाले पालेन से बच सें.
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