आज हम आपके साथ शेयर करने जा रहे है दिवाली में अपना और अपनों के सेहत का ख्याल रखने के टिप्स। दिवाली खुशियों का त्योहार है। इस दिन लोग अपने घर को बेहतरीन ढंग से सजा कर दिए जलाते हैं। दिवाली के उत्सव को मनाते हुए लोग पटाखे भी छोड़ते हैं। लेकिन हर साल दिवाली पर पटाखों से होने वाले प्रदूषण पर चर्चा शुरू हो जाती है। प्रदूषण की समस्या से तो वैसे पूरा देश परेशान है लेकिन देश की राजधानी दिल्ली इससे कुछ ज्यादा ही प्रभावित है। अगर आप दिवाली पर होने वाले प्रदूषण को लेकर चिंतित हैं और खुद को इससे बचाना चाहते हैं तो आप कुछ बातों का ध्यान रख ऐसा कर सकते हैं। दिवाली पर पटाखों के जलाने से प्रदूषण बढ़ जाता है और हवा में जहर घुल जाता है। ऐसे में अगर घर में किसी सदस्य को अस्थामा या सांस से जुड़ी कोई बीमारी हो तो उसे खुले में बाहर न निकलने दें। सांस से जुड़ी बीमारी के मरीजों को प्रदूषित हवा से परेशानी और बढ़ सकती है। अगर इन मरीजों को किसी जरूरी काम से बाहर जाना हो तो उन्हें मास्क पहनकर निकलना चाहिए।
ध्यान देने वाली बात ये है कि दिवाली आने से पहले ही घर की साफ-सफाई का काम शुरू हो जाता है। सफाई के दौरान घर से निकलने वाले कचरे को आप घर के आसपास ना फेंके। इसे कुड़े फेंकने की सही जगह पर ही फेंके। पटाखों को रात भर जलाने की बजाए एक समय निश्चित करें। सीमित मात्रा में पटाखों के जलाने से प्रदूषण की मात्रा को कुछ हद तक तम किया जा सकता है। 50 डेसीबल से ज्यादा का शोर मनुष्य के लिए घातक होता है। ज्यादा शोर होने से कान के पर्दों को नुकसान पहुंचता है। लेकिन दिवाली के दौरान जो पटाखों को छोड़ते हैं वो 100 डेसीबल से ज्यादा के होते हैं। इतना ज्यादा शोर किसी भी इंसान के लिए काफी खतरनाक है। इसके अलावा तेज आवाज वाले पटाखों को जलाने से बचें। तेज अवाज वाले पटाखों के कारण दिल के मरीजों का खतरा और बढ़ सकता है।
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