अमरावती: बीते कई दिनों से लगातार लोगों की जान लेता जा रहा कोरोना वायरस आज के समय में कर किसी के लिए बड़ी परेशानी बन चुका है. हर दिन कोविड की चपेट में आने से लगातार संक्रमण का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. तो वहीं इस वायरस का कहर अब थमने का नाम भी नहीं ले रहा है. जिसकी वजह से देश के कोने कोने में मानवीय जीवन को जीना और भी मुश्किल होता जा रहा है. और आगे यह भी नहीं कहा जा सकता है कि कोरोना वायरस से कब तक निजात मिल सकता है और कब तक नहीं.
वहीं देश के प्रमुख तिरुपति बालाजी मंदिर के 743 कर्मचारियों का कोविड -19 के टेस्ट किये गए है, जबकि 402 व्यक्तियों में इस वायरस के संक्रमण से ठीक हो चुके है तो वहीं 3 कर्मचारियों की संक्रमण के कारण जान जा चुकी है. प्रकोप के संकेतों के बाद मंदिर प्रशासन के पास दर्शन को रोकने की कोई योजना नहीं है.
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के कार्यकारी अधिकारी एके सिंघल ने रविवार को अपने नियमित टेलीफोनिक इंटरएक्टिव सत्र के दौरान इसका खुलासा किया. और उन्होंने आलोचना को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि मंदिर केवल आय के लिए खुला था. उन्होंने कहा कि दर्शन के लिए तरस रहे भक्तों को संतुष्ट करने के लिए केवल 80 दिनों के बंद होने के बाद मंदिर को फिर से खोल दिया गया. उन्होंने दावा किया कि हम तीर्थयात्रियों से जो कुछ भी करा रहे हैं, उसके बजाय COVID से बचाव के उपायों की सभी सुविधाओं पर अधिक पैसा खर्च कर रहे हैं. ईओ ने यह स्पष्ट कर दिया कि जो लोग ऑनलाइन टिकट बुक करते हैं और तिरुपति की यात्रा नहीं कर सकते हैं क्योंकि उनके क्षेत्र रेड जोन के तहत आते हैं और उन्हें बुक किये हुए टिकट के पैसे वापस नहीं दिए जाने वाले है. क्यों यह सुविधा केवल लॉक डाउन के अंतर्गत थी.
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