कोलकाता: भाजपा विधायक और विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी को आज मंगलवार (28 नवंबर) को पश्चिम बंगाल विधानसभा से निलंबित कर दिया गया। उन्हें विधानसभा के शीतकालीन सत्र से निलंबित किया गया है। उन पर विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया है। सत्ता पक्ष के विधायक तापस राय ने सुवेंदु अधिकारी को निलंबित करने का प्रस्ताव विधानसभा से लाया।
उन्होंने अपने प्रस्ताव में कहा कि संविधान दिवस पर एक संकल्प पर चर्चा के दौरान अधिकारी ने सदन के अंदर नारे लगाये। इसके बाद, वह और अन्य भाजपा MLA अध्यक्ष की चेतावनी के बावजूद सदन से बाहर चले गये। बता दें कि, सुवेंदु अधिकारी ने ही नंदीग्राम सीट से सीएम ममता बनर्जी को हराया था, हालाँकि, ममता भवानीपुर सीट से जीतने में सफल रहीं थीं। सोमवार को राज्य विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच राजनीतिक खींचतान देखने को मिली। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र बिंदु भाजपा का प्रस्ताव था। भाजपा ने राज्य सरकार की नीतियों पर चर्चा का प्रस्ताव रखा, लेकिन प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिली। सिर्फ प्रस्ताव को पढ़ने की अनुमति दी गई, जिसके बाद भाजपा ने वॉकआउट कर दिया।
विधानसभा कक्ष के बाहर भाजपा विधायकों ने धरना प्रदर्शन किया। तृणमूल के सभी लोगों पर चोर होने का आरोप लगाते हुए नारे लगाये गये। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने एक-दूसरे के खिलाफ नारे लगाए और जुबानी हमले किए। तृणमूल के आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि, "क्या जनता ने हमें यहां झगड़ा करने या वेतन वसूलने के लिए भेजा है? इसलिए, हमने वही किया है जो भाजपा कर रही है।"
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