कोलकाता: पश्चिम बंगाल के नारदा स्टिंग मामले में अरेस्ट किए गए चार TMC नेताओं के हाउस अरेस्ट करने के खिलाफ CBI ने आज सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। CBI ने कोलकाता उच्च न्यायालय के 21 मई के इस फैसले को चुनौती देते हुए आज की सुनवाई को स्थगित करने की मांग की है। कोलकाता HC ने मामले को बड़ी बेंच के पास भेजा था और इन नेताओं को नज़रबंद करने का आदेश दिया था।
इस बीच अब TMC नेता कल्याण बनर्जी ने राज्य के राज्यपाल पर निशाना साधते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनकड़ ने नारदा स्टिंग केस को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया, जो संविधान के विरुद्ध है। हम जानते हैं कि हम उनके खिलाफ आपराधिक केस दर्ज नहीं कर सकते। हम लोगों से उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करने का अनुरोध कर रहे हैं। वह भारतीय संविधान के हत्यारे हैं। बता दें कि CBI द्वारा गिरफ्तार किए गए नेताओं में कैबिनेट मंत्री फिरहाद हाकिम, सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्र, कोलकाता के पूर्व महापौर और पूर्व कैबिनेट मंत्री शोभन चटर्जी शामिल हैं।
बता दें कि, वर्ष 2016 में बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले नारदा स्टिंग टेप सार्वजनिक किए गए थे। इसको लेकर ऐसा दावा किया गया था कि ये टेप वर्ष 2014 में रिकॉर्ड किए गए थे। इसमें TMC के मंत्री, सांसद और MLA की तरह दिखने वाले वयक्तियों को कथित रूप से एक काल्पनिक कंपनी के प्रतिनिधियों से नकदी लेते देखा गया था। यह स्टिंग ऑपरेशन नारदा न्यूज पोर्टल के मैथ्यू सैमुअल ने किया था। वर्ष 2017 में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने इन टेप की जांच का आदेश CBI को दिया था।
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