टीएमसी के कुछ नेता अवैध सिंडिकेट वसूली का पक्ष लेते हुए कैमरे की निगाहों में आ गए है. टीएमसी की राज्यसभा सांसद डोला सेन ने पार्टी कार्यकताओं से कहा, ‘हम 21 जुलाई के बाद वापस आएंगे. हिसाब होगा कि अब तक तुमने कितना (पैसा) जमा किया है, कितना बैंकों में जमा किया है, कितना तुम घर पर ले गए हो. हम पूरी रकम का हिसाब लेंगे. 75 फीसदी पार्टी फंड में जमा कराया जाएगा और बाकी तुम लोगों के पास रहेगा.’
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डोला सेन ने 21 जुलाई को कोलकाता में होने वाली शहीद दिवस रैली पर चर्चा के दौरान यह बात कही. टीएमसी के ट्रेड यूनियन नेता प्रफुल्ल महतो ने कहा, ‘हमें निर्देश मिले है. कुल टोला (वसूली) पैसे में से 70 फीसदी तृणमूल भवन (पार्टी मुख्यालय) में जमा करना है. ये नए निर्देश आज ही आए हैं. अब हम इनका पालन करेंगे.’ पुरुलिया में बीजेपी नेता चंद्र बोस इस मामले पर कहा, नए कॉरपोरेट नहीं आ रहे, नई फैक्ट्रियां नहीं आ रही हैं. इसलिए बेरोजगारों को सिंडिकेट्स के जरिए इस काम में लगाया जा रहा है.’
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टीएमसी के आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘सिंडिकेट के बारे में बीजेपी के नेताओं से बेहतर और कौन जानता होगा? आपकी पार्टी सिंडिकेट है जो धार्मिक उग्रवाद में विचरण करती है. आपकी पार्टी उन्मादियों के लिए सिंडिकेट है. आपकी पार्टी उत्पीड़न का सिंडिकेट है. आपकी पार्टी लिंचिंग का सिंडिकेट है, भ्रष्टाचार का सिंडिकेट है. इसलिए बीजेपी नेताओं को आग के साथ नहीं खेलना चाहिए.’ टीएमसी सांसद डोला सेन ने वीडियो के फर्जी बताया है और कहा कि इसे संभवत: बीजेपी की ओर से जारी किया गया. डोला सेन ने कहा, ‘आपने जो रिकॉर्डिंग हासिल की है वो वॉट्सऐप और सोशल मीडिया से ली गई है. ये बीजेपी की फर्जीवाड़े की कोशिश है. ये मेरा कहा हुआ नहीं है. बहुत संभव है कि इसे बीजेपी ने गढ़ा. ये मेरा बयान नहीं है. वहीं प्रफुल्ल महतो ने कहा, बैठक में हमने मासिक चंदे पर बात की थी जो हम सदस्यों से इकट्ठा करते हैं, लेकिन मीडिया के एक वर्ग ने इसे वसूली का नाम देते हुए झूठी मुहिम छेड़ दी. हम हर तरह की वसूली के खिलाफ हैं. मेरे शब्दों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया.
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