नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने 29 नवंबर सोमवार को संसद के दोनों सदनों में कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 पेश किया जिसे बगैर चर्चा के ही पास कर दिया गया। हालांकि कृषि कानूनों के रद्द होने के बाद भी भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने स्पष्ट कहा है कि किसान आंदोलन अभी जारी रहेगा। वहीं तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा है कि सरकार ने कानून को किसानों के लिए नहीं बल्कि यूपी विधानसभा चुनाव में हार मिलने के डरकर वापस लिया है।
मीडिया से बात करते हुए महुआ मोइत्रा ने कहा कि आंदोलन के दौरान हुई सात सौ से ज्यादा किसानों की मौत के कारण सरकार ने कानून वापस नहीं लिया, बल्कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 60-70 सीटों पर हार के डर से कानून वापस लिए गये हैं। उन्होंने किसान आंदोलन के खत्म ना होने पर कहा कि सरकार की ओर से MSP पर गांरटी कानून को लेकर कोई स्पष्ट तस्वीर नहीं है। सरकार को इस पर स्पष्ट रूख अपनाना होगा।
बता दें कि शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की मूर्ति के समक्ष कई विपक्षी दलों के सांसदों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस में कांग्रेस के अलावा तृणमूल कांग्रेस (TMC) भी शामिल रही है। इस दौरान सरकार विरोधी नारे भी लगाए गए। विपक्षी दलों की मांग थी कि सरकार बिल वापसी कानून पर चर्चा करे और बताये कि आखिर बिल को वापस लेने में इतनी देरी किसलिए हुई।
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