कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा ने एक मीडिया चैनल से बात करते हुए यह बात कबूल कर ली है कि उन्होंने बिजनेसमैन और अपने दोस्त दर्शन हीरानंदानी को अपनी संसद लॉगिन आईडी और पासवर्ड दिया था। हालाँकि, उन्होंने इसका कारण बताते हुए कहा कि, उन्होंने लॉगिन आईडी और पासवर्ड इसलिए दिए थे, ताकि उनके (हीरानंदानी के) कार्यालय में कोई व्यक्ति लोकसभा में पूछे जाने वाले प्रश्नों को टाइप कर सके।
सवालों के बदले रिश्वत (cash-for-query case) मामले में शुरू होने के बाद अपने पहले साक्षात्कार में, महुआ मोइत्रा ने कहा कि, "दर्शन हीरानंदानी के कार्यालय में किसी ने वह प्रश्न टाइप, किया जो मैंने संसद की वेबसाइट पर दिया था। संसद कि वेबसाइट पर प्रश्न डालने के बाद, वे मुझे सूचित करने के लिए कॉल करते थे और मैं सभी प्रश्न एक ही बार में पढ़ लेती थी, क्योंकि मैं हमेशा अपने निर्वाचन क्षेत्र में व्यस्त रहती हूँ। प्रश्न डालने के बाद, मेरे मोबाइल फोन पर एक OTP (वन-टाइम पासवर्ड) आता है। मैं वह OTP देती थी और उसके बाद ही प्रश्न सबमिट किया जाता था। इसलिए, यह विचार कि दर्शन मेरी ID पर लॉग इन करेगा और अपने स्वयं के प्रश्न पूछेगा, हास्यास्पद है।" हालाँकि, गौर करने वाली बात ये है कि, आचार समिति ने महुआ को इसी मामले में पूछताछ के लिए 31 अक्टूबर को बुलाया था, लेकिन उन्होंने 4 नवंबर तक की मोहलत मांगी है, मगर इससे पहले ही TMC सांसद ने ये कबूल कर लिया है कि, उन्होंने अपनी लॉगिन ID और पासवर्ड हीरानंदानी को दिए थे।
लेकिन, जो कारण महुआ ने बताया है, वो थोड़े हास्यपद प्रतीत होते हैं। वे कह रहीं हैं कि, ''वे अपने निर्वाचन क्षेत्र में इतना व्यस्त रहती थीं कि, उन्हें साल में 4 बार लगने वाले संसद सत्र के सवाल टाइप करने का समय नहीं मिलता था। इसके लिए वे हीरानंदानी के कार्यालय के किसी व्यक्ति से सवाल टाइप करवाती थीं।'' दावा तो थोड़ा अजीब है, लेकिन महुआ मोइत्रा के खिलाफ जांच भी चल रही है, तो देर-सवेर सच्चाई सामने आ ही जाएगी।
बता दें कि, TMC सांसद महुआ मोइत्रा की प्रतिक्रिया दर्शन हीरानंदी के जवाब में थी, जिन्होंने एक "शपथ हलफनामा" जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि मोइत्रा ने उन्हें अपना संसद लॉगिन और पासवर्ड दिया था ताकि वह उनकी ओर से प्रश्न पोस्ट कर सकें। हालाँकि, वे सवाल कौन से होंगे, किससे जुड़े होंगे, क्या संसद में सवाल पूछने के बदले में महुआ ने पैसे लिए ? पूरा मामला इन्ही सवालों के इर्द-गिर्द घूमता है।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के आरोप पर आगे प्रतिक्रिया देते हुए, TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि, "अब जब कैश-फॉर-क्वेरी विफल हो गई है, तो इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का कोई बड़ा मुद्दा बनाया जा रहा है। निशिकांत दुबे ने प्रेस में जाकर कहा है यह एक राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है। NIC लॉगिन के पास कोई नियम नहीं है कि आपका लॉगिन कौन कर सकता है।
महुआ ने एक और दावा करते हुए कहा कि, 'भाजपा का दावा है कि मैंने अपनी संसद का लॉगिन एक विदेशी संस्था को दे दिया है। दर्शन मेरा दोस्त है और उसके पास भारतीय पासपोर्ट है। भाजपा का यह भी दावा है कि दर्शन ने दुबई से लॉग इन किया है। मैंने खुद स्विट्जरलैंड से लॉग इन किया है। अगर NIC के सवाल और जवाब इतने सुरक्षित हैं , आप इसे दर्ज करने वाले IP एड्रेस पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाते?"
इस बीच, महुआ मोइत्रा ने एथिक्स कमेटी के सामने पेश होने के लिए और समय मांगा है। पत्र में, टीएमसी सांसद ने कहा कि 30 अक्टूबर से 4 नवंबर के बीच निर्धारित विजयादशमी बैठकों के कारण, वह 31 अक्टूबर को दिल्ली में नहीं रह सकतीं। मोइत्रा ने आगे कहा कि हीरानंदानी को भी नैतिकता पैनल के समक्ष उपस्थित होना चाहिए, और उन सभी कथित उपहारों और उपकारों की "सत्यापित सूची" प्रदान करनी चाहिए जो टीएमसी सांसद को उनसे प्राप्त होने का दावा किया गया है।
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