प्रदेश को नशामुक्त करने की मुहिम चलाने वाली जयराम सरकार हिमाचल में शराब की खपत को बढ़ाने के लिए टैक्स घटाया जा रहा है। प्रदेश आबकारी विभाग अगले वित्त वर्ष की नई आबकारी नीति के लागू होने से पहले इस प्रस्ताव को सरकार को भेजने की तैयारी कर रहा है। उम्मीद है कि यदि टैक्स में कमी की गई तो चंडीगढ़ से हिमाचल आने वाली अवैध शराब की तस्करी कम हो सकती है। इसके साथ ही वर्तमान में प्रदेश में विभिन्न श्रेणी की शराब की बोतलों की बिक्री भी 75 लाख से बढ़कर 1.50 करोड़ पहुुंच सकती है।
प्रदेश के राजस्व को लक्ष्य से एक हजार करोड़ तक बढ़ाने के बाद अब प्रदेश कर एवं आबकारी विभाग ने अगले साल की कवायद भी शुरू कर दी गयी है। इसके तहत प्रदेश के लिए सबसे बड़ी समस्या बनी चंडीगढ़ से आ रही अवैध शराब से निपटने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। चंडीगढ़ की तर्ज पर प्रदेश सरकार भी शराब पर लगने वाले टैक्स में भारी कटौती करने पर विचार कर रही है।
प्रदेश आबकारी विभाग इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजने जा रहा है। एक पक्ष यह था कि अगर टैक्स कम हुआ तो प्रदेश को होने वाले राजस्व में भी कमी आ सकती है। परन्तु आला अधिकारियों का दावा है कि टैक्स कम होने और तस्करी पर सख्ती के बाद चंडीगढ़ से शराब की तस्करी पर रोक लगेगी। इसके साथ ही शराब की प्रदेश में होने वाली बिक्री 75 लाख से बढ़कर 1.50 करोड़ तक पहुंच जाएगी। प्रमुख सचिव आबकारी संजय कुंडू ने बताया कि इस संबंध में प्रस्ताव बनाया जा सकता है ताकि प्रदेश में राजस्व को बढ़ाया जाए|
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