नई दिल्ली: सौरव गांगुली, जिन्हें "दादा" के रूप में भी जाना जाता है, एक प्रमुख भारतीय क्रिकेट दिग्गज हैं। उनका जन्म 8 जुलाई, 1972 को कलकत्ता (अब कोलकाता) में हुआ। उनके पिता, चंदन गांगुली, एक सहकारी समिति में काम करते थे। वे एक मंगल्य सम्बंधित बंगाली परिवार से संबंध रखते हैं। अपने बचपन से ही, सौरव क्रिकेट में रुचि रखते थे और उन्होंने बांगलादेश के खिलाफ ताईमूर ट्रॉफी के दौरान अपने पहले शतक बनाने का इतिहास रचा। उन्होंने 1992 में अपना वनडे अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया और 1996 में वनडे में कप्तानी का दायित्व संभाला।
गांगुली ने अपनी क्रिकेट करियर में कई महत्वपूर्ण जीत दर्ज की, जिनमें 2002 नेटवेस्ट ट्रॉफी और 2003 में एशिया कप शामिल हैं। उन्हें जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, लाहौर में 1999 में हुई पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच में 136 रन बनाने की बड़ी पारी के लिए याद किया जाता है। बांगलादेश के अलावा, गांगुली ने भारतीय क्रिकेट टीम को अधिकांश वनडे और टेस्ट सीरीज में अग्रणी बनाया। उन्होंने 2000 से 2005 तक भारतीय क्रिकेट के कप्तानी का कार्यभार संभाला और टीम को नई ऊँचाइयों तक ले जाने में सफलता हासिल की।
दादा की कप्तानी के दौरान ही उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ इतिहास रचते हुए 183 रन बनाए, जो उनकी सर्वाधिक बनाई गई वनडे पारी है। 2008 में, सौरव गांगुली को वनडे और टेस्ट क्रिकेट से अलविदा कहना पड़ा, लेकिन वे क्रिकेट से संपर्क में बने रहे और क्रिकेट प्रशासन में भी अहम भूमिका निभाई। 2015 में, उन्हें भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया।
सौरव गांगुली को मानवधिकारों और सामाजिक कार्यों को बढ़ावा देने के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने बच्चों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और खेल के क्षेत्र में अवसर प्रदान करने के लिए एक अलगाववादी अभियान, 'आमर बच्चों' की शुरुआत की है। सौरव गांगुली के बारे में बहुत कुछ कहना आवश्यक है, लेकिन एक सारी बातें स्पष्ट हैं - उन्होंने अपनी प्रतिभा और सामरिक उद्यमिता के माध्यम से क्रिकेट की दुनिया में अपना एक अद्वितीय स्थान बनाया है और उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
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