अगस्त क्रांति दिवस, आंदोलन के 74 वर्ष !

अगस्त क्रांति दिवस, आंदोलन के 74 वर्ष !
Share:

सारा देश ब्रिटिश राज के अत्याचारों से परेशान था। अंग्रेज अधिकारी स्वाधीनता की मांग करने वाले निहत्थे स्वाधीनता संग्राम सेनानियों और भारतीय जनता पर क्रूरता के साथ डंडे बरसाते और जनता का दमन करते। दरअसल अंग्रेजों को देश से बाहर करने के लिए महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन 4 जुलाई 1942 को प्रारंभ किया था। इस आंदोलन का व्यापक असर अंग्रेजी राजव्यवस्था पर हुआ।

राजव्यवस्था हिल गई। अंग्रेज डरने लगे। आंदोलन के इस दिन को अगस्त क्रांति दिवस के तौर पर भी जाना जाता है। मुंबई के पार्क में प्रारंभ हुए इस आंदोलन को अगस्त क्रांति कहा जाता है। इतना ही नहीं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा प्रस्ताव पारित किया गया। कई बड़े स्वाधीनता संग्राम सेनानी डाॅ. राजेंद्र प्रसाद, सरदार वल्लभभाई पटेल, जयप्रकाश नारायण आदि ने इस आंदोलन में समर्थन किया।

मगर इस आंदोलन को हर दल ने समर्थन दिया हो ऐसा नहीं था। दरअसल मुस्लिम लीग, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी व हिंदू महासभा ने भारत छोड़ो आंदोलन का विरोध किया। आंदोलन लोकप्रिय होते ही गांधी जी को पुणे के आगा खान पैलेस में बंद कर दिया गया। सरकारी इमारतों भवनों में आगजनी की घटनाऐं हुईं।

कई जगह बम विस्फोट हुए कई स्थानों पर संचार और परिवहन सेवाओं को ठप कर दिया गया। मगर इस तरह की हिंसा पर गांधी जी ने दुख जताया। जेल में गांधी जी ने 21 दिन भूखहड़ताल रखी। 1944 में गांधीजी का स्वास्थ्य खराब हो गया। इस आंदोलन ने अंग्रेजों को कमजोर कर दिया और ब्रिटिश राज व्यवस्था के प्रति जमकर असंतोष पनपा जिसने 1947 के भारत की आज़ादी की नींव रखी।

राष्ट्रद्रोह के मामले में स्कूल प्रबंध गिरफ्तार, नहीं दी थी राष्ट्रगान गाने की अनुमति

पाकिस्तान से आए पर्यटकों में एक व्यक्ति नदारद

Share:

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -