नई दिल्ली: देश के प्रथम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत एक ऐसा नाम थे, जिससे दुश्मन के पसीने छूट जाते थे. उनके अंदर देशप्रेम इस कदर भरा हुआ था कि कोई भी देश की तरफ आंख उठा कर देखता, तो वह उस आंख को फोड़ने में जरा भी देर नहीं लगाते थे. वह भारत के दुश्मनों को जवाब देने के लिए बॉर्डर पार जाने में भी नहीं हिचकते थे. आज (16 मार्च) को CDS बिपिन रावत की जयंती है.
जब म्यांमार में घुसकर तोड़ी थी उग्रवादियों की कमर :-
ये बात है वर्ष 2015 की. 8 और 9 जून की दरम्यानी रात में भारत के 21 पैरा कमांडो म्यांमार में दाखिल होते हैं. तीन टीमों में बंटे जवान म्यांमार के पोन्यु इलाके के निकट उंजिया में उग्रवादी गुट द नेशनल सोशलिस्ट ऑफ नगालैंड-खापलांग (NSCN-K) के उग्रवादियों को घेरकर हमला कर देते हैं. जांबाज यहां बने उग्रवादियों के सभी कैंप नेस्तनाबूद कर देते हैं और बिना किसी नुकसान के सुरक्षित भारतीय सीमा में लौट आते हैं. ये ऑपरेशन पूरा होता है केवल 8 घंटे में.
यह भारतीय सेना का जवाब था उन उग्रवादियों को, जिन्होंने 4 जून 2015 को मणिपुर के चंदेल जिले में इंडियन आर्मी की डोगरा रेजिमेंट पर हमला किया था. करीब 50 हथियारबंद उग्रवादियों द्वारा किए गए इस हमले में 18 जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे, जबकि 15 जख्मी हुए थे. जब यह ऑपरेशन हुआ था, उस समय 21 पैरा थर्ड कॉर्प्स के कमांडर बिपिन रावत थे. उनकी यूनिट के पैरा कमांडो ने ही इस ऑपरेशन को अंजाम तक पहुँचाया था.
उरी हमला करने वाले आतंकियों को दिया मुंहतोड़ जवाब :-
18 सितंबर 2016 को आतंकियों ने जम्मू कश्मरी के उरी सेक्टर में आर्मी के 12वें ब्रिगेड हेडक्वॉर्टर में कायराना हमला किया था. इस हमले में भारत ने अपने 18 वीर जवानों को खो दिया था. इसके जवाब में 28 और 29 सितंबर की दरम्यानी रात को भारत के 25 कमांडो पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में घुसकर आतंकी शिविरों को नष्ट करते हैं और 38 आतंकियों को जहन्नुम पहुंचा देते हैं. इस सर्जिकल स्ट्राइक के बाद बिपिन रावत ने मीडिया से बात करते हुए कड़े शब्दों में कहा था कि ये पाकिस्तान के लिए एक संदेश है और हम बताना चाहते हैं कि ऐसे ही और ऑपरेशन भी हो सकते हैं.
2018 में सेना अध्यक्ष रहते हुए जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि भारत को एक और सर्जिकल स्ट्राइक करने की आवश्यकता है. इतना ही नहीं जनरल बिपिन रावत की भूमिका पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद की गई बालाकोट एयर स्ट्राइक में भी बताई जाती है. वह इस एयर स्ट्राइक की प्लानिंग और आपातकालीन बैठकों में शामिल रहते थे.
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