एप्पल के आई फ़ोन्स के साथ मोबाइल जगत में क्रांति लाने वाले स्टीव जॉब्स का जन्म आज 24 फ़रवरी 1955 को अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को ने हुआ था. स्टीव को पाउल और कालरा जॉब्स ने उनकी माँ से गोद लिया था. उनकी असली माँ कौन थी, इसका आज भी संदेह है. जॉब्स ने कैलिफोर्निया में ही पढ़ाई की. उस समय वे आर्थिक परेशानी को दूर करने के लिए गर्मियों की छुट्टियों में काम किया करते थे.
कॉलेज में पढाई के दौरान स्टीव अपने एक दोस्त के साथ रहते थे, वहां वे कोक की बोतलें बेचकर खाने के पैसे जुटाते थे और पास ही के कृष्ण मंदिर से सप्ताह में एक बार मिलने वाला मुफ़्त भोजन भी करते थे. मध्य 1974 में आध्यात्मिक ज्ञान की खोज में जॉब्स अपने कुछ रीड कॉलेज के मित्रो के साथ भारत आए और बोध धर्म अपनाया. भारत से वापिस जाने के बाद उन्होंने पूरी तरह से बौद्धों जैसा रहना शुरू कर दिया. सन् 1976 में जॉब्स और वोज़नियाक ने अपने स्वयं के व्यवसाय का गठन किया, जिसका नाम उन्होने "एप्पल कंप्यूटर कंपनी" रखा. इससे पहले वे सर्किट बोर्ड बेचा करते थे.
यहीं से उस एप्पल कंपनी की शुरआत हुई, जिसने आगे जाकर एप्पल कम्प्यूटर्स में काफी नाम कमाया. 1985 में एक बार, एक बोर्ड की बैठक के बाद स्टीव को एप्पल से निकाल भी दिया गया था. लेकिन जब सन् 1996 में एप्पल की बाजार में हालत बिगड़ गई, तब स्टीव ने 'आइमैक' नामक कंप्यूटर लांच करके गैजेट जगत में तहलका मचा दिया. उसके बाद तो कंपनी ने स्टीव के नेतृत्व में आईपॉड, आई फ़ोन्स, आई पैड नामक टेबलेट कंप्यूटर बनाया, जिसने एप्पल और स्टीव का नाम दुनिया भर में पहुंचा दिया. 5 अक्टूबर 2011 को स्टीव का पैनक्रियाटिक कैंसर की वजह से निधन हो गया. उनके निधन पर एक अमेरिकी पत्रिका ने उन्हें "उद्योग जगत का सबसे शक्तिशाली पुरुष" कहा था.
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