नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को एक स्थानीय कोर्ट द्वारा अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) जारी किए जाने के 2 दिन बाद रविवार (28 मई) को नया सामान्य पासपोर्ट मिल गया और अब वह आज सोमवार (29 मई) को अमेरिका के लिए उड़ान भरेंगे। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। बता दें कि, राहुल गांधी ने संसद सदस्य के तौर पर उन्हें जारी राजनयिक पासपोर्ट जमा करने के बाद सामान्य पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था।
दरअसल, राहुल को सूरत की एक अदालत द्वारा आपराधिक मानहानि के एक मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इसके बाद राहुल ने राजनयिक यात्रा दस्तावेज वापस लौटा दिए थे। राहुल गांधी आज शाम अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को के लिए रवाना होंगे। अमेरिका के कुछ अन्य शहरों में भी राहुल गांधी का कार्यक्रम प्रस्तावित हैं। आगामी 4 जून को वह न्यूयॉर्क में भारतीय मूल के लोगों के सामने भाषण देंगे।
इसके साथ ही राहुल गांधी सैन फ्रांसिस्को में प्रतिष्ठित स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में भी छात्रों के सामने स्पीच देने वाले हैं। इसके बाद वह वाशिंगटन में प्रेस वार्ता करेंगे और अमेरिकी सांसदों तथा थिंक टैंक के साथ मीटिंग करेंगे। वह अमेरिका के लगभग 10 दिन के दौरे में भारतीय अमेरिकियों को भी संबोधित कर सकते हैं।
ब्रिटेन दौरे पर राहुल गांधी के भाषण पर मचा था बवाल:-
बता दें कि, इसी साल की शुरुआत में राहुल गांधी ब्रिटेन के दौरे पर भी गए थे, जहाँ उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में स्पीच दी थी। हालाँकि, राहुल गांधी अपने भाषण में कुछ ऐसी विवादित बातें बोल गए थे, जिनपर जमकर हंगामा मचा था। ऐसे में अब सोशल मीडिया पर लोग आशंका जता रहे हैं कि क्या राहुल स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में भी कैंब्रिज वाली गलती दोहराएंगे। दरअसल, ब्रिटेन में राहुल ने कहा था कि, पीएम नरेंद्र मोदी मुस्लिमों और सिखों को दूसरे दर्जे का नागरिक समझते हैं। बता दें कि, राहुल गांधी ने ये बयान ऐसे समय में दिया था, जब भारतीय समुदाय के खिलाफ दुनियाभर में खालिस्तानी हमले हो रहे थे। राहुल गांधी के इस बयान के कुछ दिनों बाद भी 19 मार्च को ब्रिटेन में खालिस्तानियों ने भारतीय दूतावास पर हमला किया और वहां तिरंगे का अपमान किया था।
इसके अलावा राहुल गांधी ने ये भी दावा किया था कि, उनकी जासूसी की गई थी और उनके फ़ोन में पेगासस था। पेगासस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की कमिटी ने 29 मोबाइल की जांच की थी, जिसमे से एक में भी पेगासस नहीं निकला था। हालाँकि, राहुल ने अपना मोबाइल जांच के लिए नहीं दिया था। ऐसे में विरोधियों ने राहुल को घेरते हुए कहा था कि, यदि उनके मोबाइल में पेगासस था, तो उन्होंने अपने फोन की जाँच क्यों नहीं करवाई ? और जब सुप्रीम कोर्ट की समिति को पेगासस नहीं मिला, तो फिर राहुल ने विदेश जाकर भारत सरकार पर बेबुनियाद आरोप क्यों लगाए ?
ब्रिटेन में ही राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगया था कि, 'भारत में लोकतंत्र मर रहा है और इसकी रक्षा का दावा करने वाले ब्रिटेन-अमेरिका चुपचाप देख रहे हैं।' इस पर कई राजनेताओं ने कहा कि, यदि राहुल गांधी को भारत में लोकतंत्र खतरे में नज़र आ रहा था, तो इसके लिए वे न्यायालय का रुख कर सकते थे, या भारत में सियासी दलों से बात कर सकते थे। लेकिन जिस देश ने कभी भारत को गुलाम बनाया था, राहुल गांधी उनसे भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की अपील क्यों कर रहे हैं ? अब ऐसे में ये देखने लायक होगा कि राहुल गांधी इस बार अमेरिका में अपने भाषण में क्या बोलते हैं। हालाँकि, सोशल मीडिया पर लोग अंदेशा जता रहे हैं कि, राहुल गांधी के भाषण मोदी सरकार की आलोचना पर ही केंद्रित रहने वाले हैं।
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