नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने भारत की संसद की समृद्ध विरासत की स्मृति में एक समारोह के दौरान पुराने संसद भवन के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल में सांसदों की सभा को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया भारत में एक "मित्र" की तलाश कर रही है। उन्होंने नए संसद भवन को लेकर कहा कि, ये बिल्डिंग, ये सेंट्रल हॉल एक प्रकार से हमारी भावनाओं से भरा हुआ है। इसी केंद्रीय कक्ष में भारत का झंडा और राष्ट्रगान अपनाया गया था।
उन्होंने कहा कि, भारत शीर्ष 3 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत जल्द ही टॉप 3 में जगह बनाएगा। भारत के युवा जिस तरह से तकनीकी क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं, उससे दुनिया अचंभित है। भारत की आकांक्षाएं प्राथमिकता होनी चाहिए। हमारा कैनवास बड़ा होना चाहिए, तभी हम देश का बड़ा भविष्य बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि, एक समय था जब लोग सवाल करते थे कि क्या मेरा (मोदी का) 'आत्मनिर्भर मॉडल' बहुपक्षवाद के लिए खतरा बन जाएगा ? लेकिन 5 साल के अंदर ही दुनिया भारत के 'आत्मनिर्भर मॉडल' की बात करने लगी है। हमें सभी क्षेत्रों में वैश्विक मानकों को पार करने की मानसिकता के साथ काम करना चाहिए। हमें दुनिया की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा कि, हम पहली बार सबसे अधिक आबादी वाला देश बने हैं, वह भी सबसे बड़ी युवा शक्ति के साथ। भारत अपने व्यवसायों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा और बाजारों तक पहुंचाने की राह पर है। ज्ञान और नवीनता समय की मांग है। आज दुनिया की नजर भारत पर है। भारत विश्वामित्र के रूप में आगे बढ़ रहा है। दुनिया हममें एक दोस्त ढूंढ रही है और इससे भारत को फायदा हो रहा है। हम दुनिया का नेतृत्व कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि, नई संसद में जाने पर भी पुरानी इमारत की गरिमा कम नहीं होती। इसे सिर्फ पुरानी इमारत मानकर नहीं छोड़ा जा सकता। इसे अब 'संविधान सदन' के नाम से जाना जाएगा।
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