चंडीगढ़: हरियाणा में बीती 29 जनवरी से आरक्षण की मांग को लेकर धरने पर बैठे जाट समुदाय के लोग रविवार को बलिदान दिवस कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं। इस आयोजन को लेकर जाटों ने जहां अपनी सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं वहीं सरकार भी हर तरह की स्थिति से निपटने की तैयारी का दावा कर रही है।
बहरहाल ऐसी आशंका जताई जा रही है कि जाट समुदाय के लोग रविवार को बलिदान दिवस के दौरान किसी तरह का कठोर निर्णय ले सकते हैं। आरक्षण आंदोलनकारियों ने पिछले साल हुए आंदोलन में मारे गए व्यक्तियों को अपने स्तर पर शहीद को दर्जा देते हुए 19 फरवरी को प्रदेश भर में जिला स्तर पर बदिलदान दिवस कार्यक्रम आयोजित करने का ऐलान कर रखा है।
जाटों द्वारा रोहतक के गांव जसिया में राज्य स्तरीय बलिदान दिवस कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। जाट आरक्षण संघर्ष समीति इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए न केवल अधिक से अधिक लोगों को आयोजन स्थलों पर पहुंचने का आहवान किया है बल्कि स्वयंभू संत रामपाल के अनुयायियों को भी बलिदान दिवस कार्यक्रमों में शामिल होने का न्यौता दिया गया है।
17 फरवरी को जसिया में हुई बैठक में जुटी भीड़ के बाद सीआईडी ने भी सरकार को चेता दिया है। इसी दौरान हरियाणा सरकार ने बलिदान दिवस से एक दिन पहले अहम फैसला लेते हुए पिछले साल जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान घायल हुए युवकों को मुआवजा प्रदान करने का ऐलान कर दिया है। सरकार की इस कार्रवाई को मरहम के रूप में देखा जा रहा है।
इस संबंध में सभी जिला उपायुक्तों को तत्काल प्रभाव से कार्रवाई शुरू करने के निर्देश जारी किए हैं। हरियाणा सरकार ने पिछले साल आदांलन के दौरान गोली लगने से घायल हुए युवकों को एक-एक लाख रुपए मुआवजा प्रदान करने, सामान्य घायलों को पचास हजार रुपए तथा मामूली घायलों को 25 हजार रुपए की मुआवजा राशि प्रदान करने का ऐलान किया है।
रविवार को पैदा होने वाले ताजा घटनाक्रम पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज सीआईडी विंग के आला अधिकारियों, पुलिस तथा गृह विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करके ताजा हालात पर स्टेट्स रिपोर्ट ली।
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