पटना: बीते कुछ समय से बिहार में राजनीती हलचल काफी बढ़ गई है। आज चिराग पासवान ने अपने गुट की ओर से लोक जनशक्ति पार्टी की कार्यकारिणी की बैठक बुलाई हैं। ये मीटिंग अब से थोड़े समय पश्चात् दिल्ली में आरम्भ होगी। चिराग पासवान की इस बैठक से पहले पशुपति पारस ने पार्टी अध्यक्ष की हैसियत से पुरानी कार्यकारिणी भंग कर दी है। LJP की कार्यकारिणी में 12 स्टेट प्रेसिडेंट मिलाकर कुल 73 लोग मेंबर हैं।
चिराग का दावा है कि आज की बैठक में कम से कम 60 लोग सम्मिलित होंगे जबकि पारस गुट के साथ केवल दस व्यक्ति ही हैं इसलिए आज का दिन चाचा-भतीजे की इस लड़ाई में निर्णायक होने वाला है। आज ये स्पष्ट हो जाएगा पशुपति पारस की कार्यकारिणी भंग करने के पश्चात् कितने लोग चिराग पासवान की अगुवाई में हो रही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सम्मिलित होते हैं।
चिराग पासवान की ये पूरी कवायद LJP पर अपना दावा बरकरार रखने के लिए है। चिराग 2019 में अध्यक्ष बने थे, इस पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने मुहर लगाई थी। पशुपति पारस जून 2021 में 5 सांसदों की बगावत के पश्चात् अध्यक्ष बने मगर चिराग का दावा है कि मौजूदा अध्यक्ष की मंजूरी के बगैर कोई कार्यकारिणी की बैठक नहीं बुला सकता। पार्टी सिंबल और झंडे को लेकर चिराग तथा पशुपति गुट चुनाव आयोग की चिट्ठी लिख चुकी है। पशुपति गुट का कहना है 6 सांसदों में से 5 सांसद उनके साथ हैं इसलिए बहुमत के आधार पर उनका गुट असली LJP का प्रतिनिधित्व करता है।
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