प्रेग्नेंसी यानी गर्भावस्था एक ऐसा एहसास है जिसे हर महिला चाहती है. लेकिन कुछ ऐसी भी होती हैं जो इसका नाम सुनकर ही डर जाती हैं. इस दौरान एक महिला के शरीर में इतने सारे बदलाव होते हैं कि 9 महीने का यह सफर कई बार आपको डरा देता है. किसी गर्भवती महिला को दर्द और तकलीफ में देखकर अगर आपको भी प्रेग्नेंट होने से डर लगता है तो आप एक तरह के फोबिया का शिकार हैं और इसे टोकोफोबिया कहते हैं. इसी के बारे में हम बताने जा रहे हैं.
टोकोफोबिया को पैथोलॉजिकल फियर यानी बीमारी से जुड़ा डर माना जाता है और यह किसी महिला के अंदर उस वक्त पैदा होता है जब वह दूसरी महिला को बच्चे को जन्म देते हुए देखती है और उस वक्त महसूस होने वाला दर्द और तकलीफ की वजह से वह खुद बच्चा पैदा करने को लेकर घबरा जाती है. इसके अलावा कई बार प्रेग्नेंसी एक बेहद सुखदायक और बेहतरीन अनुभव होने की बजाए कुछ महिलाओं के लिए तकलीफदेह और परेशानी से भरा सफर हो सकता है. यहां तक की कुछ महिलाओं को तो ट्रॉमा जैसा एक्सपीरियंस भी होता है.
लेकिन आपको बता दें, ऐसा भी नहीं है कि ऐसा हर महिला के ससथ होता है. एक रिपोर्ट के अनुसार करीब 7 प्रतिशत महिलाएं ऐसी हैं टोकोफोबिया यानी बच्चे को जन्म देने के डर के ट्रॉमा से पीड़ित हैं. लेकिन इसका इलाज भी है जिससे आप बाहर निकल सकती हैं. जानते हैं इसका इलाज -
वैसे तो ज्यादातर महिलाएं जो टोकोफोबिया से पीड़ित हों वे खुद ही इस परिस्थिति का सामना कर लेती हैं. उन्हें सिर्फ प्रेग्नेंसी के दौरान अपने आसपास मौजूद लोगों और उनकी देखभाल करने वालों से थोड़े सपॉर्ट की जरूरत होती है लेकिन ट्रॉमैटिक एक्सपीरियंस से गुजरने वाली महिला के लिए काउंसलिंग जरूरी होती है. किसी भी दूसरे फोबिया की तरह टोकोफोबिया के इलाज में भी एक्सपर्ट्स को यह जानने की जरूरत होती है कि आखिर इस डर की मुख्य वजह क्या है. टोकोफोबिया के मरीज में अगर डिप्रेशन, ऐंग्जाइटी जैसे लक्षण दिखें तो उन्हें डायरेक्ट थेरपी की जरूरत होती है.