नई दिल्लीः भारत की दिग्गज महिला मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम बिना किसी ट्रायल मुकाबले के ओलिंपिक क्वालीफायर में एंट्री करेंगी। इस बात के संकेत भारतीय मुक्केबाजी संघ ने दिए हैं। भारतीय मुक्केबाजी संघ के चीफ जय सिंह ने सुझाव दिया है कि टोक्याे ओलिंपिक क्वालीफायर के लिए एमसी मैरीकॉम और निखत जरीन के बीच कोई ट्रायल नहीं हो सकता। अगले वर्ष 3 से 14 फरवरी तक वुहान में ओलिंपिक क्वालीफायर का आयोजन किया जाएगा और यह भी संभव है कि 36 साल की मैरीकॉम का चुनाव खुद फेडरेशन ही कर सकता है।
दरअसल मैरीकॉम और निखत के बीच अगस्त में उस समय विवाद हुआ था, जब विश्व चैंपियनशिप के लिए 51 किग्रा भार वर्ग में फेडरेशन ने मैरीकॉम के साथ निखत का ट्रायल नहीं करवाया और बिना ट्रायल के मैरीकॉम वर्ल्ड चैंपियनशिप में उतरीं. हाल ही में रूस में हुए महिला वर्ल्ड मुक्केबाजी चैंपियनशिप के पदक विजेताओं का दिल्ली में सम्मान किया गया। इस अवसर पर अजय सिंह ने एक अखबार को जानकारी दी कि महिला कैटेगरी में बीएफआई चुनाव नियम पर पुनर्विचार हो सकता है।
जिसमें वर्ल्ड स्तर पर गोल्ड और सिल्वर जीतने वाले अपने आप ही वुहान क्वालीफायर्स के लिए नामांकित हो जाएंगे. लवलीना बोरगोहेन ने 69 किग्रा में दूसरी बार ब्रॉन्ज जीता और उन्हें ट्रायल्स में छूट दी जा सकती है. मैरीकॉम ने 51 किग्रा में ब्रॉन्ज जीता है और दोनों ही ओलिंपिक वेट कैटेगरी हैं। फेडरेशन चीफ ने कहा कि यह देखा जाएगा कि उस समय ओलिंपिक में हमे मेडल दिलाने के लिए किसकी तैयारी ज्यादा अच्छी है. उन्होंने मैरीकॉम के बारे में कहा कि वर्ल्ड स्तर पर मैरीकॉम ने अच्छा प्रदर्शन किया है. उन्हाेंने अपनी उम्र और मदरहुड को कमजोरी बनने नहीं दिया. अजय सिंह ने कहा कि यहां तक कि विश्व चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में मैरीकॉम उनके हिसाब से साफ तौर से विजेता थीं. हालांकि वह सेमीफाइनल हार गईं।
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