साल 2016, बिना किसी कोच और सरकारी सहायता के भारत का प्रतिनिधित्व करने एकमात्र गोल्फ खिलाड़ी अदिति अशोक 'रियो' पहुंची थी, साथ में थे अदिति की गोल्फ किट थामे उनके पिता पंडित गुलमदानी अशोक। यानी 2016 रियो ओलंपिक में अदिति के caddie उनके पिता थे। इस ओलिंपिक के दौरान अदिति दुनिया की 200 नंबर की गोल्फर थीं।।
4 साल गुजरे .....।
फिर आया 2020 का Tokyo Olympic, इसमें अदिति के caddie के रूप में उनकी माँ, उनकी किट थामे साथ चल रही थीं। इस Olympic में अदिति ने शानदार प्रदर्शन किया और शुरूआती दो राउंड तक दूसरे स्थान पर बनी रहीं। लेकिन अंतिम राउंड आते-आते, विरोधियों ने बढ़त बनाई और अदिति चौथे स्थान पर खिसक गई और पदक हासिल करने से जरा सी चूक गईं। आज अदिति पूरी दुनिया की गोल्फर्स में चौथे नंबर की खिलाड़ी हैं।
लेकिन यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि, हमारे देश में जहां लोग, गोल्फ, देखना तो दूर, उसका स्कोर देखना भी नहीं जानते, उस देश का प्रतिनिधित्व करते हुए बिना किसी कोच और सरकारी सहायता के अदिति ओलिंपिक में चौथे नंबर पर रहीं, यह बहुत बड़ी बात है। हमारे लिए ये किसी गोल्ड मेडल से कम नहीं है .......। बढ़ती चलो अदिति.... पूरे देश की शुभकामनाएं तुम्हारे साथ हैं।
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