कोरोना वायरस के कहर के बीच जापान की राजधानी टोक्यो में आने वाले 23 जुलाई से ओलंपिक खेलों का आयोजन होने वाला है। अब इसी बीच ओलंपिक खेलों के आयोजकों ने कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए बेहद कड़ी फैसले लिए हैं। जी दरअसल ओलंपिक खेलों के मद्देनज़र हर दिन करीब 80 हजार कोरोना वायरस टेस्ट होने के बारे में कहा गया है और बिना नेगेटिव रिपोर्ट के इवेंट में एंट्री मिलने पर भी रोक लगाई गई है। जी दरअसल ओलंपिक खेलों में 11,500 एथलीटों और लगभग 79,000 प्रशासकों, सहायक कर्मचारियों और मीडिया कर्मियों की मौजूदगी रहने वाली है।
आप सभी को बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए ओलंपिक खेलों का हिस्सा बनने वाले हर शख्स का प्रतिदन कोरोना टेस्ट किये जाने की खबर है। वहीँ ओलंपिक खेल 2020 की आयोजन समिति ने इन टेस्ट की निगरानी और संचालन के लिए 230 डॉक्टरों और 310 नर्सों की व्यवस्था की है। कहा जा रहा है किसी भी खिलाड़ी या स्टाफ मेंबर को बिना कोविड-19 नेगेटिव टेस्ट रिपोर्ट इवेंट में जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। आपको बता दें कि खेलों की आयोजन समिति ने बीते शनिवार को जानकारी दी कि 1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच 15,000 लोगों ने जापान में एंट्री की।
इस लिस्ट में से 15 ऐसे रहे जिनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है और सुरक्षा के मद्देनज़र ओलंपिक खेलों में 44 हजार लोगों की तैनाती की गई है। आपको बता दें कि ओलंपिक खेलों के आयोजन से पहले बीते शुक्रवार को खेल गांव में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था। हालाँकि आईओसी के अध्यक्ष थॉमस बाख का यह कहना था कि ओलंपिक खेलों में हिस्सा ले रहे लोगों को अभी कोई खतरा नहीं है और पूरी स्थिति को संभाल लिया गया है।
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