वियना: आज वियना में शीर्ष राजनयिकों की बैठक होने वाली है ताकि ईरान के साथ 2015 परमाणु समझौते को बचाने की कोशिश की जा सके, जिसे औपचारिक रूप से संयुक्त व्यापक कार्ययोजना (जेसीपीओए) के रूप में जाना जाता है। डीपीए समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, परामर्श का उद्देश्य संयुक्त राज्य अमेरिका को समझौते पर लौटने और ईरान को फिर से इसका अनुपालन करने के लिए प्रेरित करने के लिए हेराल्ड करना है।
रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे बाकी भागीदारों के बीच चर्चा का दौर जनवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के पद ग्रहण करने के बाद से ईरान के साथ पहली बातचीत है। तेहरान से मिली जानकारी के मुताबिक, इस स्तर पर वाशिंगटन और तेहरान के बीच कोई सीधा संपर्क नहीं होगा। इस समझौते को हथियार नियंत्रण के लिए एक महत्वपूर्ण इमारत ब्लॉक माना जाता है, क्योंकि इसका उद्देश्य इस्लामी गणराज्य को परमाणु हथियार बनाने से रोकना है।
2018 में वाशिंगटन ने इस सौदे से वापस ले लिया और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तहत ईरान पर प्रतिबंध कड़े कर दिए। अमेरिका की चालों के जवाब में ईरान ने इस सौदे के तहत अपने दायित्वों के कुछ हिस्सों के क्रियान्वयन को निलंबित कर दिया। परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने को लेकर दोनों देशों में गतिरोध बना हुआ है। बिडेन प्रशासन ने कहा है कि अगर ईरान जेसीपीओए के पूर्ण अनुपालन पर लौटता है तो वाशिंगटन भी ऐसा ही करेगा।
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