इस्लामाबाद: लाहौर में शनिवार को इस्लाम की धार्मिक पुस्तक कुरान की एक प्रति का अपमान करने के आरोप में एक ईसाई जोड़े को कथित ईशनिंदा मामले में हिरासत में ले लिया गया। रिपोर्ट के अनुसार, हरबंसपुरा के रहने वाले तैमूर ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि वह रेंजर्स मुख्यालय के पास एक सड़क पर एक खाने की दुकान पर खड़ा था, तभी उसने पास के एक घर की छत से कुछ पन्ने फेंके हुए देखे। उसने पन्ने उठाये, जो पवित्र कुरान के निकले। उत्तरी छावनी पुलिस ने पवित्र ग्रंथ को अपवित्र करने में कथित संलिप्तता के लिए किरण और उसके पति शौकत मसीह के रूप में पहचानी गई महिला के खिलाफ ईशनिंदा का मामला दर्ज किया। यह मामला पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 295-बी के तहत दर्ज किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, एसपी अवैस शफीक ने मीडिया को बताया कि दोनों संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया गया है और अब कानूनी कार्यवाही का इंतजार किया जा रहा है।
फ़राज़ परवेज़, जिन पर ख़ुद FIA ने ईशनिंदा का आरोप लगाया था, ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, 'पाकिस्तान में ईसाइयों पर हमला हो रहा है। कुख्यात समूह तहरीक-ए-लब्बैक (TLP) कट्टरपंथी लाहौर में रैलियां निकाल रहा है, जो पाकिस्तान में ईसाइयों के लिए एक चिंताजनक स्थिति है। लाहौर में बरेलवी TLP चरमपंथियों ने कथित तौर पर कुरान के पन्ने फाड़ने के लिए एक ईसाई जोड़े के खिलाफ धारा 295बी के तहत ईशनिंदा का मामला दर्ज किया है।' पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों के खिलाफ झूठे ईशनिंदा के आरोपों के मामलों में अचानक वृद्धि हुई है। कई मामलों में, लोग कानून अपने हाथ में ले लेते हैं और घरों और पूजा स्थलों पर हिंसक हमले करते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले तीन महीनों में, पंजाब प्रांत के सरगोधा में एक खतरनाक पैटर्न सामने आया है, जिसमें ईसाइयों के खिलाफ ईशनिंदा के आरोपों से जुड़ी कम से कम पांच शिकायतें दर्ज की गई हैं।
धार्मिक-राजनीतिक दल, तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) ने इन कथित ईशनिंदा मामलों को लेकर एक आक्रामक अभियान चलाया है, ईसाइयों के खिलाफ संदेह पैदा किया है और आरोपी व्यक्तियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन भड़काया है। बता दें कि 16 अगस्त, 2023 को जरनवाला में ईसाई समुदाय के लिए एक दुखद दिन था। जब एक क्रूर और विनाशकारी हमला हुआ था, जिसके परिणामस्वरूप 24 चर्चों में तोड़फोड़ मचाई गई थी, कुछ को मलबे में तब्दील कर दिया गया, और फ़ैसलाबाद जिले के 11 क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर लूटपाट की गई और ईसाईयों के सैकड़ों घरों को जला दिया गया था। यहाँ तक कि, बाइबिल भी फाड़ दी गई थी। हिंसा का यह विस्फोट जरनवाला के क्रिश्चियन टाउन में एक ईसाई निवासी को निशाना बनाने वाली निराधार अफवाहों और ईशनिंदा के आरोपों से शुरू हुआ था।
'भाजपा-RSS, हिंदुत्व, भारत में अल्पसंख्यकों का दमन..', फ्रांस में क्या-क्या बोले राहुल गांधी ?
इस देश में भीषण भूकंप से 296 लोगों की मौत, कई इमारतें जमींदोज़, भारत ने बढ़ाया मदद का हाथ
पाकिस्तान के कई इलाकों पर तालिबान ने किया कब्ज़ा ! कर डाली 10 सैनिकों की हत्या, कई घायल, Video