उरी हमले में शहीद हुए एस के विद्यार्थी के तीन बच्चों ने अपने जीवन की सबसे कठिन परीक्षा दी. देश के वीर जवान की पत्नी अपने 4 बच्चों सहित बिहार के गया शहर में एक किराये के माकन में अपना जीवन यापन करती है और अपने पैतृक गांव परैया के बोकनारी से दूर रहती हैं. इसका कारण है बच्चो की बेहतर शिक्षा और उज्जवल भविष्य.
रविवार को हुए आतंकी हमले में जवान की शहीद होने की खबर मिलते ही घर में मातम छा गया, बावजूद इसके जवान की तीनों बेटियों ने सोमवार को परीक्षा दी ताकि शहीद हुए पिता का सपना साकार कर सके. तीनो बेटिया अपनी जीवन की सबसे कठिन परीक्षा से गुज़री. परीक्षा के दौरान तीनो की आंखे नम थी पर दिल में शहीद हुए पिता के सपने साकार करने की तमन्ना लिए तीनो ने परीक्षा दी.
शहीद जवान की बड़ी पुत्री आरती कुमारी की परीक्षा 15 सितंबर से शुरू हुई। इसके अलावा अंशु कुमारी (वर्ग 6) और अंसिता (क्लास 2) की परीक्षा 16 सितंबर से चल रही है। इनके इम्तेहान 29 सितंबर तक चलेगे। पेपर देने के बाद बच्चे, मां और अन्य परिजनों के साथ अपने गांव पैतृक बोकनारी के लिए रवाना हुए। स्कूल प्रबंधन ने आगे की शेष विषयों की परीक्षा को माइनेज करने की बात कही।
पिता की शहादत पर बड़ी बेटी ने कहा की मुझे अपने पिता पर गर्व है की उन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राण गवाये. हमले के बाद से लगातार सभी परिजन टीवी पर खबर देखते रहे और दिल में चिंता रही. शाम को जब सीओ ने फ़ोन कर पिता की शहीद होने की खबर दी तो घर में मातम छा गया.