जापानी ऑटो प्रमुख कंपनी टोयोटा ने ग्रीन मोबिलिटी सेगमेंट में अपनी पैठ को आगे बढ़ाने के बारें में प्लान कर रही है. साथ ही कंपनी वाहनों के उत्सर्जन को कम करने के लिए अगले कुछ वर्षों में हाइब्रिड वाहनों को पेश करने जा रही है. अक्षय ऊर्जा इलेक्ट्रिक वाहनों को स्वच्छ और अधिक बेहतर बनाती है. टोयोटा, संयुक्त उद्यम टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) के माध्यम से देश में संचालित की जाती है. कंपनी पहले ही घरेलू बाजार और निर्यात दोनों के लिए टेक्नोलॉजी और विद्युतीकरण पर 2,000 करोड़ रुपये का निवेश करने में कामयाब हो चुकी है. नए पेश से पहले नए निवेश किए जाने वाले है.
एक मीडिया संस्थान से इंटरव्यू में टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) के वाइस चेयरमैन विक्रम किर्लोस्कर ने बोला है कि 'हम मानते हैं कि 70% कोयला आधारित ऊर्जा के साथ बहुत स्ट्रॉन्ग हाईब्रिड कार्बन उत्सर्जन को कम कर सकता है. हम हाईब्रिड को आगे बढ़ाना जारी रखने वाला है. जैसे-जैसे यह 70% कम होने लगता है और अधिक नवीकरणीय ऊर्जा आने लग गई है, हम अधिक से अधिक EV देखना शुरू करने वाले है. हमारा उद्देश्य समग्र कार्बन कटौती है.' बता दें कि TKM मौजूदा वक़्त में इंडिया में एक प्रीमियम सेडान कैमरी हाईब्रिड को असेंबल करती है.
उन्होंने बोला है कि मौजूदा समय में केवल हम जो हाइब्रिड बनाते हैं, वे बहुत बड़ी लक्जरी कारें में से एक है. मुझे लगता है कि उन्हें बहुत स्पष्ट रूप से यहां लाना बहुत परेशानी होने वाली है। जैसे-जैसे नई पीढ़ी की कारें बड़े पैमाने पर मार्केट में आती है, उस समय हम निश्चित रूप से प्रतिनिधित्व करने की कोशिश करेंगे.
महंगी होने वाली है टोयोटा की कारें: टोयोटा किर्लोस्कर 1 अप्रैल से अपनी पूरी मॉडल रेंज के मूल्यों में 4 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी करने जा रही है. कच्चे माल सहित बढ़ती लागत की वजह से मूल्यों में बढ़ोतरी की जा रही है. कंपनी की ओर से एक बयान में बोला गया कि एक प्रतिबद्ध और ग्राहक केंद्रित कंपनी के रूप में टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने उपभोक्ताओं पर बढ़ती लागत के प्रभाव को कम करने के लिए सभी जरूरी कोशिश की हैं.
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