रिलायंस इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनियों के स्वामित्व वाली आरआरवीएल रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड अपने परिचालन का विस्तार करने के लिए फंड संग्रह में शामिल है। अपने फंड कलेक्शन के एक हिस्से के तौर पर सिंगापुर के सॉवरेन वेल्थ फंड जीआईसी और एक ग्लोबल प्राइवेट इक्विटी फर्म टीपीजी ने संयुक्त रूप से 7,350 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इससे पहले आरआरवीएल पिछले कुछ महीनों में केकेआर इंडिया, मुबला, सिल्वर लेक और ग्रेटर अटलांटिक द्वारा निवेश से $2 बिलियन एकत्र करने में कामयाब रहा है ।
जीआईसी ने 5,512 करोड़ रुपये का निवेश करके 1.22% हिस्सेदारी हासिल की है और टीपीजी ने खुदरा इकाई में 1,838 करोड़ रुपये के निवेश के माध्यम से 0.41% हिस्सेदारी हासिल की है। कंपनी ने कहा कि निवेश ने कंपनी को 4.280 लाख करोड़ रुपये (58.47 अरब डॉलर) से अधिक प्री-मनी इक्विटी वैल्यू दी है। टीपीजी इस जून में रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म्स में $598,मिलियन का निवेश कर चुकी है । आरआरवीएल में निवेश रिलायंस की सहायक कंपनियों के साथ उनका दूसरा निवेश है।
रिलायंस अपने 13 जियो निवेशकों को आरआरवीएल में निवेश करने का पहला मौका दे रही है। इस अगस्त की शुरुआत में रिलायंस ने प्रतिद्वंद्वी फ्यूचर ग्रुप (बिगबाजार, एफबीबी और अन्य) रिटेल बिजनेस हासिल करने के लिए 3.38 अरब डॉलर का सौदा किया था। एक समामेलन का नेतृत्व करने वाला निवेश ई-कॉमर्स उद्यमों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहा है । ई-कॉमर्स ऑनलाइन ग्रॉसरी, अपैरल और इलेक्ट्रॉनिक डिलिवरी के लिए पड़ोस की दुकानों को बांधेगा । फिलहाल इनमें वॉलमार्ट इंक की फ्लिपकार्ट और Amazon.com इंक की भारतीय शाखा का दबदबा है। टाटा संस अपना ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म 'सुपर ऐप' भी बना रहा है और निवेश के लिए वॉलमार्ट के साथ चर्चा में है।
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