अमेरिका और चीन के बीच पहले चरण के ऐतिहासिक Trade Deal को लेकर सहमति बन गई है। यह दुनियाभर की अर्थव्यवस्था के लिहाज से बड़ी खबर है। दोनों देशों ने लगभग 1.5 वर्ष के Trade War के बाद शुक्रवार को रुख नरम करते हुए पहले चरण की ऐतिहासिक कारोबारी डील कर ली है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को सिलसिलेवार ट्वीट के माध्यम से यह जानकारी दी। इसके अलावा , चीन के उप वाणिज्य मंत्री वैंग शॉवेन ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि पहले चरण की डील के लिए दोनों पक्ष कारोबारी बातचीत के महत्वपूर्ण मुकाम पर पहुंचने पर सहमत हो गए हैं।
We have agreed to a very large Phase One Deal with China. They have agreed to many structural changes and massive purchases of Agricultural Product, Energy, and Manufactured Goods, plus much more. The 25% Tariffs will remain as is, with 7 1/2% put on much of the remainder....
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) December 13, 2019
पहले चरण की बातचीत के तहत चीन अपने आर्थिक व कारोबारी व्यवस्था में Intellectual Property, टेक्नोलॉजी हस्तांतरण, कृषि, वित्तीय सेवाओं और मुद्रा व फॉरेन एक्सचेंज जैसे मुद्दों पर परिवर्तन के लिए राजी हो गया है। चीन ने इस पर भी सहमति जताई है कि वह आने वाले वर्षो में अमेरिका से वस्तुओं और सेवाओं की खरीद में भारी इजाफा करेगा। चीन और अमेरिका के बीच व्यापार घाटा इस ट्रेड वार का सबसे अहम पहलू रहा है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दोनों देश एक बेहद मजबूत विवाद निपटान तंत्र स्थापित करने पर सहमत हो गए हैं, जिसके माध्यम से विवादों का यथाशीघ्र और प्रभावी निपटान किया जाएगा।
दोनों देशों के कारोबारी समझौते पर पहुंच जाने की कारण से अमेरिका ने अपने कारोबारी कानूनों में बड़े बदलाव के प्रति भी सहमति जता दी है। अपने ट्वीट में ट्रंप ने कहा, ‘हम पहले चरण की विशाल डील के लिए सहमत हो गए हैं। कृषि उत्पादों, एनर्जी, उत्पादित सामानों और कई अन्य क्षेत्रों में अमेरिका से बड़ी मात्र में खरीदारी के लिए चीन अपने कानूनों में संरचनात्मक बदलाव को राजी हो गया है।’
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