मुम्बई : भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्तीय वर्ष 2017-2018 की अपनी पहली जो मौद्रिक समीक्षा जारी की है. इस समीक्षा में मौजूदा रेपो रेट 6.25 फीसदी में कोई बदलाव नहीं किया है.लेकिन रिवर्स रेपो रेट 25 बेसिक प्वाइंट बढ़ाकर 6 फीसदी तक कर दिया है.आरबीआई से रात भर के लिए (ओवरनाइट) कर्ज लेने का विकल्प होता है. इस कर्ज पर रिजर्व बैंक को उन्हें जो ब्याज देना पड़ता है, उसे ही रेपो रेट कहते हैं.
उल्लेखनीय है कि फरवरी में थोक महंगाई 6.55 फीसदी थी. जो पिछले 39 महीने का उच्चतम स्तर है. वहीं खुदरा मंहगाई भी 3.65 फीसदी पहुंच गई है. ऐसे में अर्थशास्त्री पहले से ही रेपो रेट में बदलाव की उम्मीद नहीं कर रहे थे. उनकी उम्मीद पूरी हुई है.आरबीआई के अनुसार 2017-18 की पहली छमाही में महंगाई 4.1 प्रतिशत और दूसरी छमाही में 5.0 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
बता दें कि रिजर्व बैंक के गर्वनर उर्जित पटेल ने चालू वित्त वर्ष में विकास दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है . जबकि 2016-17 में आर्थिक वृद्धि दर 6.7 फीसदी थी.आरबीआई के पैनल का कहना है कि अप्रत्याशित मौसून, सातवे वेतन आयोग और जीएसटी कानून के लागू होने से महंगाई बढ़ सकती है.
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