नई दिल्लीः इन दिनों वैश्विक अर्थव्यव्सथा को ट्रेड वार से अधिक खतरा पहुंचने का अंदेशा है। खासकर अमेरिका का संरक्षणवादी रवैया दूनिया को मंदी की ओर ढ़केल रहा है। दुनिया के विरसित राष्ट्रों का संगठन जी-7 की बैठक में भाग लेने आए यूएस राष्ट्रपति ट्रंप और यूरोपीय यूनियन (ईयू) के नेताओं के बीच ट्रेड वार के खतरों को लेकर बहस छिड़ गई। ईयू कांउसिल के प्रमुख डोनाल्ड टस्क ने कहा कि ट्रेड वार के चलते मंदी गहराएगी, जबकि सुलह हो जाने से दुनियाभर की इकोनॉमी को मजबूती मिलेगी।
बैठक से पूर्व ही ट्रंप ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को धमकी देने के अंदाज में कहा था कि यदि वे यूएस की टेक्नोलॉजी कंपनियों पर लगाये गये टैक्स को वापस नहीं लेते हैं तो अमेरिका फ्रेंच वाइन पर आयात शुल्क लगा देगा। जवाब में टस्क ने भी कहा कि ईयू अपने सबसे अच्छे व्यापारिक साझीदार के साथ निपटने के लिए तैयार है।
ईयू ने इस संघर्ष की शुरुआत नहीं की है, लेकिन वह इससे निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। उधर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के उत्पादों पर नए सिरे से शुल्क लगाने की घोषणा कर दी है। व्हाइट हाउस की ओर से जारी एक वक्तव्य में ट्रंप ने कहा कि अक्टूबर से 250 अरब डॉलर की चीनी वस्तुओं पर 30 परसेंट का शुल्क लगाया जाएगा। उधर, अमेरिका और चीन के बीच गहराते ट्रेड वार के बीच अमेरिकी शेयर बाजार डाऊ जोंस इंडस्टियल एवरेज 600 अंक यानी 2.4 परसेंट नीचे लुढ़क गया।
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