नई दिल्ली : अपने टीवी पर एक विज्ञापन अक्सर देखा होगा जिसमे दो पुलिसकर्मी एम्बुलेंस को निकलने के लिए नेता के काफिले को रोक देते है. लेकिन बंगलुरु में ऐसा ही कुछ मामला हकीकत में देखने को मिला. एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने एम्बुलेंस को रास्ता देने के लिए भारत के प्रथम नागरिक कहे जाने वाले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का काफिला रोक दिया. वीआईपी कल्चर के चलते यह बहुत कम ही देखने को मिलता है.
दरअसल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी शनिवार को बंगलुरु दौरे पर थे, इस दौरान वहां के ट्रिनिटी सर्किल पर भारी जाम लग गया, ट्रैफिक के बीच एक एंबुलेंस फंस गई. तभी वहां पर तैनात ट्रैफिक पुलिस के सब-इंस्पेक्टर एम.एल. निजलिंगप्पा ने एंबुलेंस को निकलवाने के लिए पूरे ट्रैफिक को रोक दिया और वहीं इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के काफिले को भी रोक दिया था. गौरतलब है कि एम्बुलेंस को रास्ता देने के लिए टीवी पर रोज ऐड दिखाए जाते है. जिसमे बताया जाता है कि आपके रास्ता देने से एम्बुलेंस में मौजूद किसी आम इंसान की जिंदगी बच सकती है.
निजलिंगप्पा के इस कदम से देशभर में उनकी तारीफ हो रही है, अब उन्हें सम्मानित भी किया जाएगा. बंगलुरु ट्रैफिक पुलिस के डिप्टी कमिश्नर की ओर से ट्वीट किया गया है कि उनके इस कदम की हम तारीफ करते हैं, उन्हें इसको लेकर सम्मानित भी किया जाएगा.
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