रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के रामबोड़ इलाके में एक दर्दनाक हादसे में दर्जनों मजदूर मलबे में दब गए हैं। एक निर्माणाधीन प्लांट की चिमनी गिरने से यह हादसा हुआ। घटनास्थल पर बचाव कार्य जारी है, लेकिन 25 से अधिक मजदूरों के मलबे में दबे होने की खबर ने चिंता बढ़ा दी है। इनमें से 8-9 मजदूरों की मौत की आशंका जताई जा रही है।
यह हादसा सरगांव थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक लोहे की पाइप बनाने वाली फैक्ट्री के निर्माण कार्य के दौरान हुआ। निर्माणाधीन प्लांट कुसुम नामक कंपनी का है, जिसकी चिमनी अचानक गिर पड़ी। चिमनी के गिरते ही निर्माण स्थल पर अफरा-तफरी मच गई। आसपास के लोग और मजदूरों के परिजन घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई। मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए राहत और बचाव कार्य तेज़ी से जारी है। प्रशासन की मदद के लिए स्थानीय लोग भी राहत कार्य में जुटे हुए हैं। घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जबकि मलबे में फंसे अन्य लोगों को निकालने के लिए जेसीबी मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
हादसे के बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल है। मजदूरों के परिजन घटनास्थल पर अपने प्रियजनों की सलामती के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। प्रशासन ने घटना की गंभीरता को देखते हुए मौके पर मेडिकल टीमें और आपदा प्रबंधन दल भेजा है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, चिमनी गिरने से पहले निर्माण स्थल पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं दिख रहे थे। मजदूरों ने भी काम के दौरान संभावित खतरे की शिकायतें की थीं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
इस हादसे ने फैक्ट्री निर्माण में सुरक्षा मानकों की अनदेखी और मजदूरों की जान की कीमत पर काम कराए जाने की प्रथा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं और जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इस दर्दनाक घटना ने न केवल मुंगेली, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ को झकझोर कर रख दिया है। मलबे में दबे मजदूरों को बचाने की कोशिशें जारी हैं, लेकिन यह हादसा एक बार फिर औद्योगिक निर्माण स्थलों पर मजदूरों की सुरक्षा की अनदेखी को उजागर करता है।