भुवेनश्वर: ओडिशा के बालासोर में हुए दर्दनाक ट्रेन हादसे में 280 से अधिक यात्रियों की मौत हो चुकी है और लगभग एक हजार लोग घायल हो गए हैं. तीन ट्रेन की इस भीषण भिड़ंत के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. इन सबके बीच दुर्घटना की संयुक्त जांच रिपोर्ट सामने आई है. इस जांच रिपोर्ट में इस भीषण घटना के पीछे सिग्नल से जुड़ी एक गलती सामने आई है. बताया गया है कि, सिग्नल फेलियर की वजह से यह हादसा हुआ और ट्रेनें आपस में भिड़ गईं. रिपोर्ट के अनुसार, बहानगा बाजार स्टेशन पर मालगाड़ी लूप लाइन में खड़ी हुई थी. इसी दौरान चेन्नई से हावड़ा जा रही 12841 कोरोमंडल एक्सप्रेस बहानगा बाजार स्टेशन पर पहुंची. प्रत्येक रेलवे स्टेशन पर दूसरी ट्रेन पास कराने के लिए एक लूप लाइन होती है. बहानगा बाजार स्टेशन पर अप और डाउन, दो लूप लाइन हैं. किसी भी ट्रेन को लूप लाइन पर उस समय खड़ा किया जाता है, जब किसी दूसरी ट्रेन को स्टेशन से पास कराया जाना हो.
बताया जा रहा है कि, बहानगा बाजार स्टेशन पर भी कोरोमंडल एक्सप्रेस और यशवंतपुर हावड़ा एक्सप्रेस को पास कराने के लिए मालगाड़ी को कॉमन लूप लाइन पर खड़ा किया गया था. वहीं, कोरोमंडल एक्सप्रेस तेज रफ्तार के साथ मेन अप लाइन से गुजर रही थी. उस वक़्त डाउन लाइन से यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस भी निकल रही थी. बहानगा बाजार स्टेशन पर इन ट्रेन का कोई स्टॉपेज नहीं है. ऐसे में दोनों ही ट्रेन की रफ्तार अधिक थी. ऐसे में बहानगा बाजार स्टेशन से निकल रही कोरोमंडल एक्सप्रेस अचानक पटरी से उतर गई. पटरी से उतरी कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे मालगाड़ी में भी जा घुसे. हादसे के वक़्त डाउन लाइन से निकल रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के पीछे के दो डिब्बे भी पटरी से उतरी कोरोमंडल एक्सप्रेस में जा घुसे.
भारतीय रेलवे द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, ट्रेन नंबर 12864 यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के पीछे के 2 डिब्बे भी पटरी से उतर गए. वहीं, कोरोमंडल एक्सप्रेस के 21 डिब्बे डिरेल हो गए और 3 डिब्बे छिटककर डाउन लाइन पर चले गए. हादसा भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन से लगभग 171 किलोमीटर और खड़गपुर रेलवे स्टेशन से तक़रीबन 166 किलोमीटर दूर स्थित बालासोर जिले के बहानगा बाजार स्टेशन पर हुआ.
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