टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने 5G स्पेक्ट्रम बेस प्राइस में कटौती के बारें में एडवाइस दी गई है। ऐसे में इंडिया में जल्द 5G सर्विस शुरू होने का अनुमान बढ़ा दिया है। TRAI ने स्पेक्ट्रम नीलामी के बेस प्राइस में 36 प्रतिशत कटौती की सिफारिश की है। ट्राई के सुझाव को मंजूरी के लिए दूरसंचार विभाग (DoT) के पास भेजा रहा है। अगर दूरसंचार विभाग ट्राई के सुझाव को मान लेता है, तो टेलिकॉम कंपनियों पर कम वित्तीय बोझ पड़ने वाला है। ऐसे में उम्मीद है कि 5G सर्विस का मूल्य इंडिया में कम रह सकता है। ट्राई ने टेलिकॉम कंपनियों को स्पेक्ट्रम भुगतान के लिए 30 वर्ष का वक़्त देने का प्रस्ताव रखा गया है।
पिछली बार कई बैंड की नहीं हुई थी बिक्री: ख़बरों की माने तो पिछली बार की स्पेक्ट्रम नीलामी प्रक्रिया में कई स्पेक्ट्रम बैंड की बिक्री नहीं हो पाई थी। ऐसे इस बार ट्राई ने स्पेक्ट्रम बैंड्स के बेस प्राइस में कटौती की भी मांग कर रहे है। जिसकी डिमांड टेलिकॉम कंपनियों की लंबे वक़्त से करती आ रही है। ट्राई ने देशभर के सभी टेलीकॉम सर्किल के लिए 5G स्पेक्ट्रम (3300-3670 मेगाहर्ट्ज) की नीलामी का रिजर्व प्राइस 317 करोड़ रुपये रखने की अपील भी कर चुके है। इतना ही नहीं वर्ष 2018 में ट्राई ने बेस प्राइस 492 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज रखा था, जिसमें करीब 36 प्रतिशत की कटौती की गई है।
इन बैंड्स की होगी नीलामी: मौजूदा 700MHz, 800MHz, 900MHz, 1800MHz, 2100MHz, 2300MHz और 2500MHz बैंड की नीलामी की जाने वाली है। साथ ही 600MHz, 3300-3670MHz और 24.25-28.5GHz के नए स्पेक्ट्रम बैंड की नीलामी की जाने वाली है। जबकि 10MHz और 50MHz को ब्लॉक रखने की सिफारिश कर दी गई है।
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