नई दिल्ली : भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने मंगलवार को प्रत्येक दूरसंचार सेवा प्रदाता के लिए यह अनिवार्य कर दिया है कि दूसरे सेवा प्रदाता से इंटरकनेक्शन पॉइंट्स का आवेदन मिलने के एक माह के अंदर गैर-भेदभावकारी आधार पर उपलब्ध कराना होगा.
इस बारे में ट्राई ने यह भी कहा,कि अगर कोई सेवा प्रदाता इन प्रावधानों का उल्लंघन करेगा तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा, जो प्रति लाइसेंस प्राप्त क्षेत्र में एक लाख रुपये प्रतिदिन से अधिक नहीं होगा.स्मरण रहे कि ट्राई ने दूरसंचार इंटरकनेक्शन कानून, 2018 मंगलवार को प्रकाशित किया, जो एक फरवरी, 2018 से प्रभावशील हो जाएगा.नियामक ने यह भी खुलासा किया कि प्राधिकरण द्वारा समय-समय पर जारी नियमों या दिशानिर्देशों के अनुसार सेट-अप शुल्क और इंफ्रास्ट्रक्चर शुल्क जैसे इंटरकनेक्शन शुल्क सेवा प्रदाताओं के बीच आपसी बातचीत से तय किया जा सकता है.
उल्लेखनीय है कि दूरसंचार उद्योग में इंटरकनेक्शन का मुद्दा उस समय बहुत चर्चा में आ गया था, जब बाजार में नए प्रवेशकर्ता रिलायंस जियो ने पहले से मौजूद कंपनियों पर आरोप लगाया था कि वे उसे पर्याप्त इंटरकनेक्शन उपलब्ध नहीं करा रही हैं. इसके बाद इस मामले में ट्राई ने दूरसंचार इंटरकनेक्शन कानून, 2018 बनाया जो अगले माह फरवरी से लागू होगा.
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