मुंबई: शिवसेना (UBT) नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने आज मंगलवार (29 अगस्त) को यह दावा करके सियासी विवाद खड़ा कर दिया कि 2024 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 2002 की गोधरा जैसी घटना हो सकती है। उन्होंने आगे दावा किया कि जो पार्टियां I.N.D.I.A. का हिस्सा हैं, वे भी यही आशंका रखती हैं। बता दें कि, गोधरा ट्रेन अग्निकांड 27 फरवरी 2002 की सुबह हुआ था, जहां गुजरात के गोधरा रेलवे स्टेशन के पास साबरमती एक्सप्रेस को मुस्लिम भीड़ द्वारा आग लगाने के बाद अयोध्या से लौट रहे 59 हिंदू तीर्थयात्री जिन्दा जल गए थे।
राउत ने कहा कि, 'लोगों के मन में डर है। जो राजनीतिक दल चुनाव जीतने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक का नाटक कर सकता है, वह कुछ भी कर सकता है। पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आरोप लगाया है कि पुलवामा में घटना नहीं हुई, बल्कि साजिश रची गई। गोधरा के बारे में भी यही कहा जाता है। लोगों के मन में आशंका है कि 2024 का चुनाव जीतने के लिए वे गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं।'
उद्धव ठाकरे के बयानों को दोहराते हुए संजय राउत ने कहा कि, 'हमें डर है कि अयोध्या में राम मंदिर उद्घाटन के समय देशभर से लोगों को बुलाया जाएगा। ट्रेनें श्रद्धालुओं से खचाखच भरी होंगी। ऐसे में ट्रेन पर पत्थर फेंके जा सकते हैं, आग के गोले फेंके जा सकते हैं, पूरे देश में दंगे भड़का दिए जाएंगे।' राउत ने आगे कहा कि, 'हर बात लोगों के सामने रखना हमारा काम है। अगर ऐसा नहीं है तो इसे रोकना सरकार की जिम्मेदारी है, जो घटना घटित होने वाली है। हरियाणा में जो दंगे हुए या भड़काए गए, वे इसका उदाहरण हैं।'
क्या आतंकियों को हमले के लिए न्योता दे रहे विपक्षी नेता ?
बता दें कि, हाल ही में उद्धव ठाकरे ने भी ऐसा ही बयान दिया था। उद्धव ने कहा कि, 'राम मंदिर के उद्घाटन के समय, जैसा कि सत्यपाल मलिक और महुआ मोइत्रा ने कहा था, वे पूरे देश से हजारों-लाखों हिंदुओं को अयोध्या बुलाएंगे। वे उन्हें बस और ट्रेन से अयोध्या लाएंगे। और जब कार्यक्रम के बाद ये ट्रेनें और बसें अपने-अपने स्थानों पर वापस जाएंगी, तो मुस्लिम बस्तियों से गुजरते समय ये इन बसों और ट्रेनों पर हमले की साजिश रचेंगे, ताकि पूरे देश में दंगे भड़काए जा सकें। यह मेरी राय नहीं है। यह इन दोनों नेताओं की राय है। मैं बस यह आपको बता रहा हूं।' बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट द्वारा राम मंदिर के पक्ष में फैसला दिए जाने के बाद से ही ये आतंकियों की नज़रों में खटक रहा है। कई बार राम मंदिर पर हमले की धमकी भी मिल चुकी है। ऐसी स्थिति में इस तरह के बयान देकर, एक तरह से उद्धव और संजय राउत जैसे विपक्षी नेता, आतंकियों को अभी से 'क्लीन चिट' दे रहे हैं कि, वे यदि राम मंदिर उद्घाटन के समय हमला करते भी हैं, तो वे साफ बच जाएंगे, क्योंकि, उद्धव जैसे नेतागण, महुआ मोइत्रा और सत्यपाल मलिक के साथ मिलकर कथित 'हमले' का दोष अभी से भाजपा पर मढ़ चुके हैं।
हमले के बाद उन्हें (उद्धव और अन्य) बस इतना ही कहना होगा कि, ''हमने तो पहले ही कहा था।'' ये उसी तरह होगा, जैसे कांग्रेस नेता ने '26/11 मुंबई आतंकी हमले को RSS की साजिश' बताकर किताब जारी कर दी थी, हालाँकि, 10 आतंकियों में से एक अजमल कसाब जिन्दा पकड़ा गया और उसने कबूल कर लिया कि, वो हूरों के लिए जिहाद करने भारत आया था और उसे पाकिस्तान ने भेजा था। वरना, पाकिस्तान की 'गंदी नियत' छिपाने के लिए भारत में 'हिन्दू आतंकवाद' को लेकर पूरा प्रोपेगेंडा फैलाया जा चुका था। क्योंकि, यदि महुआ मोइत्रा, सत्यपाल मलिक, उद्धव ठाकरे के पास पुलवामा हमले को लेकर कोई सबूत हैं, तो उन्हें अदालत जाकर सरकार के खिलाफ मुकदमा लड़ना चाहिए, इस तरह आरोप लगाकर ये नेतागण, एक तरह से आतंकियों को क्लीन चिट दे रहे हैं, या यूँ कहें कि, अप्रत्यक्ष रूप से उन्हें हमले के लिए उकसा रहे हैं।
'अभिषेक को गिरफ्तार कर लेंगे..', ममता के दावे पर भाजपा बोली- भ्रष्ट व्यक्ति को जेल जाना ही चाहिए
दलित समुदाय के लिए सीएम खट्टर का बड़ा ऐलान, अब हरियाणा में मिलेगा इस 'आरक्षण' का लाभ
ISIS प्रेरित बमबाज मोहम्मद यूनुस साकी और इमरान खान गिरफ्तार, युवाओं को दे रहे थे विस्फोट की ट्रेनिंग