कहते हैं अगर आप अपने शरीर में बदलाव देखना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको अपनी सोच में बदलाव करना होगा। जी हाँ और यह बात एकदम सच है कि कोई भी काम हो उसे करने से पहले दिमाग में दृढ़ निश्चय करना होता है, सही प्रोसेस फॉलो करनी होती है, इसके बाद ही आप लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं। अब आज हम आपको एक डॉक्टर के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपना लगभग 110 किलो वजन कम किया है। जी हाँ और सिर्फ एक चीज को फॉलो कर। जिस डॉक्टर की हम बात कर रहे हैं उनका नाम डॉ। अनिरुद्ध दीपक (Dr। Anirudh Deepak) है और वह 28 साल के हैं। वह चेन्नई के है और उनका वजन 194।5 Kg था जो अब 83 Kg है।
डॉ। अनिरुद्ध ने एक मशहूर वेबसाइट से बातचीत में बताया, 'मुझे बचपन से ही खाने-पीने का बहुत शौक था। बस इसी कारण से मेरा वजन धीरे-धीरे बढ़ता गया और मैंने उस ओर कभी ध्यान भी नहीं दिया। मुझे पिज्जा, बर्गर, हॉट-डॉग, फ्राइड फूड काफी पसंद थे। जब तक पेट नहीं भरता था, क्रेविंग कम नहीं होती थी, तब तक मैं खाना बंद नहीं करता था। जब 2018 में मेरा MBBS के लिए कॉलेज में एडमिशन हुआ, तब भी मेरी ईटिंग हैबिट नहीं सुधरी। फिर कुछ समय बाद मेरी इतनी तबियत खराब हुई कि मुझे हॉस्पिटल में एडमिट होना पड़ा। उस समय डॉक्टर्स ने मुझसे कहा था, अगर ऐसा ही रहा तो मुझे अगले 3 महीने में कोई भी गंभीर बीमारी हो सकती है और मेरे जिंदा बचने की उम्मीद काफी कम है। बस यही मेरी लाइफ का टर्निंग प्वाइंट था, जब मैंने मन में ठाना कि अब तो वजन कम करना ही है।'
आगे उन्होंने बताया, 'इसके बाद मेरे दोस्त ने एक फिटनेस कम्युनिटी से जुड़ने के लिए कहा। मैं जब उस कम्युनिटी के ट्रेनर विनोद वैथीस्वरन (फिटनेस ट्रेनर) से मिला तो उन्होंने मुझसे अपना वजन नापने के लिए कहा। उससे पहले मैंने कभी भी अपना वजन चेक नहीं किया था। फिर जब मैंने पहली बार वेट मशीन पर वेट चेक किया तो 194।5 किलो निकला। इसके बाद ट्रेनर ने मुझे मोटिवेट किया और फिर मेरी फिटनेस जर्नी शुरू हुई। डाइट और वर्कआउट के सही कॉम्बिनेशन से मैंने लगभग 2 साल में अपना 110 किलो वजन कम कर लिया।'
इसी के साथ डॉ। अनिरुद्ध ने आगे कहा, 'मैं अपने मन में ठान चुका था कि मुझे किसी भी हालत में वजन कम करना ही है। मेरी जर्नी के दौरान लॉकडाउन लगा लेकिन मैंने उस दौरान भी अपनी डाइट और वर्कआउट से चीट नहीं किया। बस इसी दृढ़ निश्चय से मैंने अपना 110 किलो वेट लॉस किया। हालांकि, वेट लॉस के बाद मेरी स्किन लटक गई थी। उसके लिए मैंने सर्जरी कराई और एक्स्ट्रा स्किन को डॉक्टर्स ने निकाल दिया। मैंने डाइटिंग नहीं की, बल्कि क्वांटिफाइड न्यूट्रिशन से वजन कम किया है। क्वांटिफाइड न्यूट्रिशन वो होता है, जिसमें आपको फूड की मात्रा को देखना होता है कि आप कितना खा रहे हैं। साथ ही साथ, उस फूड की कैलोरी और मात्रा को भी ध्यान रखना होता है। इसके बाद प्रोटीन, फैट, कार्ब की मात्रा पर भी ध्यान दिया जाता है। मैं 2000 कैलोरी लेता था और समय के साथ-साथ अपनी एक्टिविटी बढ़ाता गया।'
ब्रेकफास्ट (Breakfast)
पोहा या उपमा या रोटी
सोया चंक्स
सलाद
स्नैक्स (Snacks)
फल
बादाम
दोपहर का भोजन (Lunch)
चावल या रोटी
दाल या चना या राजमा
सब्जी
दही
ईवनिंग स्नैक्स (Evening snacks)
व्हे प्रोटीन
रात का खाना (Dinner)
चावल या रोटी
पनीर
सब्जी
डॉ। अनिरुद्ध ने आगे कहा, 'मेरी डाइट समय के हिसाब से बदलती गई। मैं कुछ न कुछ अलग बनाकर भी खाता रहता था। बस मैं अपने शरीर की जरूरत के मुताबिक, खाने की मात्रा का ध्यान रखता था। जिस समय 2019 में मैंने अपनी जर्नी शुरू की थी, उस समय लॉकडाउन लग चुका था। मेरे सामने फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाना काफी चैलेंजिंग था। ऐसे में मैंने घर में कुछ डम्बल, प्लेट्स और बार्बेल मंगाए और उनसे एक्सरसाइज की। इसके साथ ही कभी-कभी हाई इंटेंसिटी एक्सरसाइज, जंप रोप, सर्किट ट्रेनिंग, फंक्शनल ट्रेनिंग भी किया करता था। इसके बाद जब जिम खुले तो मैं हमेशा से ही वेट ट्रेनिंग पर अधिक फोकस रखता था। लोग मुझे देखकर कहा करते थे कि मुझे वेट ट्रेनिंग नहीं बल्कि कार्डियो करना चाहिए। साथ ही कई लोकल जिम गुरूज भी मुझे तरह-तरह की सलाह देते थे। लेकिन मैंने किसी की नहीं सुनी और वेट ट्रेनिंग पर फोकस रखा और मेरा वजन कम होता गया।'
आगे उन्होंने बताया, 'वजन कम करने में मुझे सबसे अधिक जिस चीज ने मदद की है, वो है मेरा गोल। मैंने शुरुआत में ही सोच लिया था कि मुझे मंजिल पर पहुंच कर ही दम लेना है। बस इसी चीज ने मुझे बीच में क्विट नहीं करने दिया। साथ ही वजन कम करने के लिए आपको सही डाइट और फिजिकल एक्टिविटी की नॉलेज होनी चाहिए जो कि अच्छा ट्रेनर ही दे सकता है। इसलिए हमेशा किसी सर्टिफाइट कोच के अंडर में रहकर ही अपनी फिटनेस जर्नी की शुरुआत करें।'
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