कभी सोचा है कि 'किसी का कूड़ा किसी के लिए खजाना' हो सकता है पर जापान के फुयुकी शिमाजू ने इस कहावत को सच साबित कर दिया है उनकी नज़र दुनियाभर के हर कूड़ेदान पर रहती है.
दरअसल बात कुछ ऐसी है कि जापान के फुयुकी शिमाजू एक डिज़ाइनर हैं और वो घरों से फेंके गए कूड़े-कचड़े में से अपने काम का सामान निकल ही लेते हैं. 30 वर्षीय शिमाजू कूड़ेदान से कार्डबोर्ड जमा करते हैं और उन्होंने 27 देशों से घूम घूम कर कूड़ेदान में जा रहे कार्डबोर्ड के बक्से जमा किए. इन बेकार हो चुके बक्सों से वह पर्स, बिजनेस कार्ड होल्डर और दूसरी चीजें बनाते हैं. इन सामानों को ना सिर्फ डिजाइन के जानकारों की वाहवाही मिली है बल्कि इतने पैसे भी मिल रहे हैं कि वह दूरदराज के देशों तक जा कर कूड़े दान से बक्से जमा कर सकें.
शिमाजू जो कर रहे हैं उसे आजकल अपसाइक्लिंग कहा जाता है जिसका मतलब है बेकार हो चुकी चीजों को रचनात्मक रूप से दोबारा इस्तेमाल करने लायक बनाना. कूड़े की तलाश में शिमाजू स्पेन से लेकर ग्रीस, भारत और कम्बोडिया तक जा चुके हैं.
अमेरिकी राज्य टेक्सस की राजधानी ऑस्टिन में साउथवेस्ट फिल्म फेस्टिवल के दौरान एक इंटरव्यू में शिमाजू ने कहा कि मुझे सचमुच बहुत अच्छा लगता है जब किसी खास देश में इस्तेमाल होने वाले अलग तरह के कार्डबोर्ड बॉक्स मेरी आंखों के सामने से गुजरते हैं. फिल्म फेस्टिवल में उनके काम पर बनी एक डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई गई जिसका नाम है "फ्रॉम ऑल कॉर्नर्स मेड इट्स वर्ल्ड प्रीमियर.
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