सांप की तरह रेंगने लगा यह शख्स और मुँह से उगलने लगा जहर

सांप की तरह रेंगने लगा यह शख्स और मुँह से उगलने लगा जहर
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आज के समय में भी कुछ ऐसी कुरीतिया है जिन्होंने हमारे समाज को बुराइयो से जकड रखा है। हमारे देश का कोई भी इलाका हो सभी जगह अन्धविश्वास होता ही है। हर जगह यह फैला हुआ है। यहां हर चीज़ की  इलाज के लिए तांत्रिक के पास जाते है न की डॉक्टर के पास। और एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जहाँ सांप के दोष से पीड़ित लोगो का इलाज चारा और दूध से किया जाता है।

दरअसल, ग्रामीण इलाकों में बारिश के समय जहरीले सांप बहुत अधिक संख्या में निकलते हैं, जिनका शिकार बनने पर ग्रामीण अस्पतालों में जाने की बजाए गांव में ओझा या तांत्रिक के पास चले जाते हैं और मंत्रोच्चार के साथ बंध लगाकर पीड़ित के शरीर में सांप के जहर को फैलने से रोक देता है। इसके बाद ऋषि पंचमी के अवसर पर बंध खोलने का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इस दौरान गांव के देवता के स्थान पर एक छोटे से मेले का आयोजन किया जाता है। जहां ओझा अपने गुरू की मौजूदगी में पीड़ित को उस बंध से मुक्त कराने की परंपरा निभाता है।

इस अवसर पर गुरू के शरीर में कंपन पैदा होता है इसका मतलब उसे देवता आने लगते हैं और वह नाग की तरह जमीन पर लेटकर चलने लगता है। फिर ओझा-तांत्रिक अपने गुरू के कान में जोर-जोर से मंत्र फूंकते हैं और पीड़ित व्यक्ति के सिर पर कांस के चारा की रस्सी का सिरा रखकर उस पर दूध डाला जाता है। इस प्रक्रिया से जहर बाहर निकाला जाता है। दरअसल, मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में ऋषि पंचमी के मौकों पर ऐसे मेलों का आयोजन होता है। जहां बड़ी तादाद में सांप से काटे हुए लोग पहुंचते हैं। बुधवार के दिन तकरीबन 150 से ज्यादा लोगों को सर्पदंश के बंधन से मुक्त करवाया गया।

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