रूस में कोविड की वैक्सीन का ट्रायल फिलहाल रोका जा चुका है। टीके की अधिक मांग और डोज की कमी नए वालंटियर्स में कोविड वैक्सीन के ट्रायल पर अचानक रोक लगा लगी जा चुकी है। गुरुवार को अध्ययन चलाने वाले फर्म के एक प्रतिनिधि ने कहा कि मॉस्को की महत्वाकांक्षी कोविड वैक्सीन योजना पर रोक लगाना एक झटका है। बता दें कि रूस में कोविड-19 की वैक्सीन स्पुतनिक वी(Sputnik V) का 85% लोगों पर कोई साइड इफेक्ट नज़र नहीं आया। इस वैक्सीन को तैयार करने वाली गामलेया रिसर्च सेंटर के हेड अलेग्जेंडर गिंट्सबर्ग ने सोमवार को इस बारे में सूचना प्रदान की है। अलेग्जेंडर ने बोला कि कोविड की वैक्सीन के साइड इफेक्ट 15% लोगों पर देखे गए।' Sputnik V के तीसरे चरण के ट्रायल चल रहे हैं।
भारत में रूसी वैक्सीन का ट्रायल अगले साल होगा खत्म!: इंडिया में रूस की कोरोनो वैक्सीन का ट्रायल मार्च के माह तक खत्म हो सकता है। रूसी वैक्सीन का भारत में ट्रायल कर रही हैदराबाद की फार्मा कंपनी डॉ. रेड्डी ने कहा है कि रूसी वैक्सीन के तीसरे चरण का मानव परीक्षण मार्च तक पूरा होने की उम्मीद है। फार्मा कंपनी डॉ. रेड्डी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ईरेज़ इजरायल ने बोला कि स्पुतनिक-V वैक्सीन के मध्य चरण के टेस्ट के लिए रजिस्ट्रेशन अगले कुछ हफ्तों में शुरू होगा और दिसंबर तक इस परीक्षण के समाप्त होने की आशंका है।
भारत की फार्मा कंपनी से मिलाया हाथ: रूस ने अपने यहां तैयार स्पूतनिक-V वैक्सीन के फेज थ्री के ट्रायल के लिए भारत में फार्मा कंपनी डॉक्टर रेड्डी लैब्स से हाथ मिला रहे है। वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआइ) ने अनुमति दे दी है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) से भी सहमति दी जा चुकी है। अब देश भर के 12 सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में एक साथ वैक्सीन का ट्रायल शुरू किया जा चुका है। इसमें जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज समेत पांच सरकारी, जबकि 6 निजी संस्थान हैं।
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