आदिवासी अंचल को जल्द मिलेगी मेडिकल कॉलेज की सौगात

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दिलीप सिंह की रिपोर्ट

झाबुआ। मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिले में साल 2027 से मेडिकल कालेज का पहला सत्र प्रारंभ हो जायेगा। पहली बैच में 60 से 100 सीटों पर मेडिकल पढ़ाई के लिये विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जायेगा। कालेज को प्रारंभ करने के लिये प्रदेश सरकार द्वारा देवी अहिल्या विश्वविद्यालय को प्रस्ताव दिया गया है। अहिल्या विश्वविद्यालय के द्वारा दिनांक 10 जनवरी 2025 को अपनी बैठक में इस बात को रखा गया कि शासन से प्रस्ताव मिलने के बाद विश्वविद्यालय द्वारा झाबुआ में मेडिकल कालेज खोलने की दिशा में कार्यवाही प्रारंभ कर दी है और झाबुआ में मेडिकल कालेज के संचालन हेतु भवन बनाने एवं अन्य गतिविधियों के लिये सरकार से बजट राशि की मांग भी की गई है। जब तक मेडिकल कालेज का नया भवन बनेगा तब तक झाबुआ के इंजिनियरिंग कालेज के भवन में मेडिकल कालेज का संचालन किया जा सकता है।

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कुलपती डॉ. राकेश सिंघई के अनुसार झाबुआ में मेडिकल कालेज का संचालन देवी अहिल्या विश्वविद्यालय द्वारा किया जावेगा और इसके लिये बजट इत्यादी की व्यवस्थाओं के लिये सरकार को लिखा जा रहा है। साथ ही झाबुआ के जिला अस्पताल का प्रबंधन भी देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की देखरेख में किया जा सकता है झाबुआ में अभी 100 बिस्तरों वाला नया जिला चिकित्सालय भवन में बन रहा है। विश्वविद्यालय ने यहां पर 150 और अतिरिक्त बिस्तर बढ़ाने के लिये कहा है। 

अहिल्या विश्वविद्यालय के अधिकारीयों ने झाबुआ में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिये जमीन देखने एवं इंजिनियरींग कालेज में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिये झाबुआ के स्थानों का भ्रमण कर प्रस्ताव तैयार कर लिया है। उम्मीद की जा रही है कि साल 2027 से पहली मेडिकल बैच झाबुआ में प्रारंभ हो जायेगी। मध्य प्रदेश के इस आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिले में लंबे अर्से से मेडिकल कालेज खोलने की मांग की जा रही थी। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कॉलेज प्रबंधन को आश्वस्त किया है कि मामले में शिघ्र ही कार्यवाही की जा रही है।

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