अगरतला : प्रदेश के आदिवासी नेता राजेश्वर देब बर्मा ने राज्य के मूल निवासियों के विकास के लिए विधानसभा चुनाव में किए गए वादों को पूरा करने में ‘‘नाकाम’’ रहने का आरोप लगाते हुए भाजपा से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने नागरिकता विधेयक 2016 को त्रिपुरा के मूल निवासियों के लिए खतरा बताते हुए इसे रद्द किए जाने की भी मांग की।
पिता मुस्लिम, माँ ईसाई तो बेटा कैसे हो गया ब्राह्मण - भाजपा मंत्री
यह बोले आदिवासी नेता
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार आदिवासी नेता देब बर्मा ने मुख्यमंत्री एवं पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष बिप्लब कुमार देब को मंगलवार को अपना इस्तीफा भेजा। देब इस समय राज्य से बाहर हैं। देब बर्मा ने कहा, ‘‘मैं राज्य में भाजपा नीत राजग सरकार के प्रदर्शन से बहुत नाखुश हूं क्योंकि वह त्रिपुरा के मूल निवासियों को नजरअंदाज कर रही है। पार्टी ने पिछले साल विधानसभा चुनाव में जो वादे किए थे, उनमें से एक को भी पूरा नहीं किया गया।
शाह ने किया उद्धव को फोन कहा- जल्द लें गठबंधन पर निर्णय
प्राप्त जानकारी के अनुसार इंडीजिनस नेश्नलिस्ट पार्टी ऑफ त्रिपुरा यानि आईएनपीटी से पूर्व विधायक देब बर्मा पिछले साल चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए थे।वही अब बर्मा के भाजपा छोड़ने से कई प्रकार के राजनितिक कयास लगाए जा रहे है.
फिर लड़खड़ाई कर्नाटक सरकार, कुमारस्वामी ने दी पद छोड़ने की धमकी
जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकते है शहीद सैनिक औरंगजेब के पिता
थरूर के बयान पर अब ईरानी का तंज, राहुल के जनेऊ पर भी उठे सवाल