तेलंगाना राज्य अब आदिवासी अधिकारों को बचाने के लिए प्रावधान करने के लिए कृतसंकल्प है. मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने शुक्रवार को घोषणा की है कि ROFR अधिनियम के तहत आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए धर्माणी पोर्टल में वन भूमि के लिए विशेष सहायता प्रदान की जा रही है . राज्य विधानसभा में नए राजस्व विधेयकों के विश्लेषण के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि आदिवासी जमीन पर खेती कर सकते हैं, लेकिन वन भूमि पर उनका कोई स्वामित्व नहीं है .
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार लगभग 26 लाख एकड़ वन भूमि पर खेती करने वाले लगभग 81,000 किसानों को Rythu बंधु योजना फैला रही थी. चंद्रशेखर राव ने घोषणा की कि राज्य में लगभग 57,423 एकड़ 77,538 एकड़ वक्फ भूमि पर अतिक्रमण किया गया था. उन्हें उद्धृत करते हुए कहा गया, पिछली सरकारों ने वक्फ के साथ-साथ बंदोबस्ती भूमि की रक्षा के लिए कोई प्रयास नहीं किए. लेकिन मैं यह सुनिश्चित करने का वायदा करता हूं कि इन बंदोबस्ती और वक्फ भूमि की और बिक्री नहीं होगी . नगर निगम या ग्राम पंचायत की अनुमति नहीं दी जाएगी और न ही पंजीकरण कराया जाएगा. इसके बजाय हम शुक्रवार से रजिस्ट्रेशन में इन जमीनों को ऑटो लॉक करेंगे. शीघ्र ही आवश्यक आदेश जारी किए जाएंगे.
चंद्रशेखर राव ने कहा कि राज्य सरकार ने तेलंगाना के प्रति केंद्र के रवैये को लेकर कड़ा रुख अपनाने का फैसला किया. उन्होंने महसूस किया कि केंद्र की बैठक में एक गंभीर दुर्घटना हुई और इसकी सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 23 प्रतिशत शून्य से गिर गई. हालांकि केंद्र राज्य के कारण 9,000 करोड़ रुपये जारी नहीं कर रहा है, लेकिन राज्य सरकार को किसी भी अतिरिक्त धन की रिहाई की कोई उम्मीद नहीं है.
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