शहडोल: देशभर में इस समय धर्मान्तरण की लहर चल रही है, चाहे वो ईसाई धर्मान्तरण हो या इस्लामी, निशाने पर हिन्दू ही हैं। भारत का दिल कहा जाने वाला मध्य प्रदेश भी इससे अछूता नहीं है। राज्य के शहडोल में बड़ी तादाद में आदिवासियों के धर्मांतरण का मामला प्रकाश में आया था, जिसके बाद अब राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) ने खुद इस मामले का संज्ञान लिया है।
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग अब मिशनरीज़ द्वारा किए जा रहे आदिवासी समाज के धर्मान्तरण की जांच करेगा। इसे लेकर आयोग ने शहडोल पुलिस अधीक्षक (SP) को नोटिस जारी कर दिया है। आयोग ने आदिवासियों के धर्मान्तरण से संबंध जानकारियां पर तलब किया है। यही नहीं, अनुसूचित जाति आयोग ने जानकारियां ना देने पर SP को समन जारी करने की भी चेतावनी दी है। बता दें कि शहडोल के 70 से अधिक गांवों में आदिवासियों के धर्मान्तरण के मामले सामने आए थे।
पहली बार यह मामला उस वक़्त सामने आया जब, शहडोल जिले के जैतपुर थाना क्षेत्र के डोंगरी टोला में सिधिहा सिंह गोंड़ के घर में आदिवासियों को इकट्ठा कर उनका सामूहिक धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास किया जा रहा था। इसकी खबर मिलते ही बीते 10 वर्षों से धर्मान्तरण के खिलाफ लड़ाई लड़ रही समाज सेविका सुनैना सिह सैय्याम मौके पर पहुंची और धर्मान्तरण करा रहे कथित पास्टर शंकर सहित 8 लोगों को पकड़कर पुलिस के सुपुर्द कर दिया था। वहीं, अब आदिवासी समाज ने खुद ही धर्मांतरण के खिलाफ मैदान में उतरने का संकल्प ले लिया है और NCST द्वारा SP को भेजे गए नोटिस से उनके कड़े तेवर भी साफ जाहिर हो रहे हैं, जो सराहनीय है।
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