इम्फाल: मणिपुर में शनिवार यानी 13 नवंबर 2021 को उग्रवादी हमले में शहीद हुए 46 असम राइफल्स के राइफलमैन सुमन स्वर्गियारी को गुवाहाटी में श्रद्धांजलि दी जा रही है. जवान का शव सोमवार प्रातः जोरहाट से गुवाहाटी लेकर आए थे. जिसके उपरांत जवान के पार्थिव शरीर को बक्सा जिले में उनके गांव लाया जाने वाला है और वहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. गुवाहाटी में असम के स्वास्थ्य मंत्री केशव महंता ने असम राइफल्स के जवानों और जिला अधिकारियों के साथ सुमन स्वर्गियारी को श्रद्धांजलि अर्पित की है.
जहां इस बात का पता चला है कि मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में IED विस्फोटकों और गोलियों से हुए हमले में असम राइफल्स के एक कमांडिंग अफसर, उनकी पत्नी और बेटे और बल के चार अन्य कर्मियों सहित 7 लोगों की जान चली गई है. इन सभी जवानों के पार्थिव शरीर को उनके गृह जिले में भेजे जाने वाले है. हमले में मारे गए हमले में मारे गए कर्नल विप्लव त्रिपाठी के अतिरिक्त असम राइफल्स के चार जवानों में RFN श्यामल दास, RFN सुमन स्वर्गियारी, आरएफएन आरपी मीणा और आरएफएन खतनेई कोन्याक मौजूद थे.
मिलो जानकारी के अनुसार कर्नल त्रिपाठी छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जबकि RFN दास पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के निवासी थे. RFN स्वर्गियारी असम के बक्सा जिले के रहने वाले थे. आरएफएन कोन्याक नागालैंड के मोन जिले के जबकि आरएफएन मीणा राजस्थान के दौसा जिले के निवासी थी. आरएफएन कोन्याक के पार्थिव शरीर को हेलीकॉप्टर से उनके पैतृक स्थान नागालैंड भेजा जाने वाला है.
उग्रवादी संगठन PLA और MNPF ने ली हमले की जिम्मेदारी: अब तक मिली जानकारी के अनुसार उग्रवादियों ने शनिवार प्रातः तकरीबन 10 बजे भारत-म्यांमार सीमावर्ती गांव सेहकेन में असम राइफल्स के काफिले पर घात लगाकर अटैक कर दिया था. इस हमले की जिम्मेदारी 2 प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) और मणिपुर नगा पीपुल्स फ्रंट (MNPF) ने ली थी. PLA और MNPF ने उन लोगों को बधाई संदेश भेजा जो इस हमले में शामिल थे, लेकिन कर्नल की पत्नी और बच्चे की मृत्यु पर शोक जताया है. हम बता दें कि यह घटना चार जून 2018 के उपरांत सुरक्षा बलों पर पहला सबसे बड़ा अटैक था, जब चंदेल जिले में सेना के एक काफिले पर इसी तरह का अटैक करवाया गया था जिसमें 18 कर्मियों की जान चली गई और अन्य जख्मी हो गए थे. सेना की 6 डोगरा रेजीमेंट की रोड ओपनिंग पेट्रोल (ROP) के कर्मी शहीद हो गए थे. असम राइफल्स देश का सबसे पुराना अर्द्धसैन्य बल है, जिसकी स्थापना 1835 में ब्रिटिश राज में हुई थी. यह प्रशासनिक रूप से गृह मंत्रालय के अधीन है, लेकिन ‘ऑपरेशनल’ नियंत्रण भारतीय सेना करती है.
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