नई दिल्ली : संसद का मानसून सत्र अब अपने अंतिम पड़ाव में पहुंच चुका है. संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से लेकर अब तक एक के बाद एक विधेयक संसद में पारित हुए जा रहें है. इसी क्रम में अब कैबिनेट सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक़, मोदी कैबिनेट ने आज ट्रिपल तलाक विधेयक से संबंधित संशोधन बिल को हरी झंडे दे दी है. हालांकि इस बिल को संशोधित करने के बाद भी जमानती नहीं बनाया गया है.
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फ़िलहाल इसे गैर जमानती अपराध ही समझा जाएगा. लेकिन दूसरी ओर मजिस्ट्रेट को इस बात का अधिकार दिया गया है कि वह आरोपी को जमानत दे सकते हैं. साथ ही पीड़ित महिला को यह हक़ भी होगा कि वह इस संबंध में FIR दर्ज करा सकें. इस विधेयक को मंजूरी मिलने के साथ ही अब मुस्लिम महिलाओं को न्याय मिल सकेगा.
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हालांकि विपक्ष इस गैर जमानती बिल के विरोध में है. विधेयक को मंजूरी मिलने से पहले वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद केटीएस तुलसी ने कहा था कि ट्रिपल तलाक को जमानती अपराध भी नहीं होना चाहिए. मैं इसके खिलाफ हूं. वहीं कांग्रेस नेता अभिषेक मनू सिंघवी का कहना था कि ट्रिपल तलाक को अगर जमानती अपराध माना जाता है तो इसके एक पहलू में सुधार होगा.
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