तीन तलाक परंपरा नहीं 1400 वर्षों से किया जाने वाला उत्पीड़न

तीन तलाक परंपरा नहीं 1400 वर्षों से किया जाने वाला उत्पीड़न
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नई दिल्ली। तीन तलाक पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सुनवाई की जा रही है। इस दौरान केंद्र सरकार ने बुधवार को अपना पक्ष रखा। केंद्र सरकार की ओर से अटाॅर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने दलीलें दीं। उन्होंने कहा कि वे तीन तलाक की वर्तमान व्यवस्था के विरूद्ध हैं। केंद्र सरकार ने विधेयक लाने की भी पेशकश की। केंद्र सरकार का कहना था कि यह मसला तो एक धर्म में ही महिलाओं के अधिकार की बात है।

केंद्र सरकार अपनी ओर से विधेयक लाकर जो करना चाहेगी वह करेगी लेकिन सर्वोच्च न्यायालय इस मामले में क्या करेगा। अटाॅर्नी जनरल रोहतगी ने कहा कि यह परंपरा नहीं है यह तो 1400 वर्षों से किया जाने वाला महिलाओं का उत्पीड़न है। इसके विरूद्ध केंद्र सरकार प्रक्रिया करेगा। केवल समुदाय यह तय नहीं कर सकता है कि मौलिक अधिकारों के विरूद्ध पर्सनल लाॅ को जारी रखा जाए या न रखा जाए।

हालांकि सर्वोच्च न्यायालय में प्रमुख न्यायाधीश न्यायमूर्ति जेएस खैहर ने कहा कि हिंदू समाज में जो बुराईयां हैं जैसे अस्पृश्यता, बाल विवाह या फिर हिंदुत्व इसे नकारा नहीं जा सकता है। हम अपनी जवाबदारी से इन्कार नहीं कर सकते हैं।

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