अगरतला: त्रिपुरा की सरकार उच्च न्यायालय के एक फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. त्रिपुरा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और जस्टिस अरिंदम लोध की एक खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को यह आदेश दिया था. अब त्रिपुरा सरकार इस फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय जा रही है.
दरअसल, उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि राज्य के भीतर किसी भी मंदिर के प्रांगण में पशु या पक्षी की बलि देने की इजाजत नहीं होगी. कोर्ट ने जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि वे फैसले का क्रियान्वयन सुनिश्चित कराएं. मंगलवार को त्रिपुरा के कानून मंत्री रतन लाल नाथ ने कहा है कि ये बेहद संवेदनशील केस है, इसलिए हमारी सरकार ने स्पेशल लीव पिटीशन शीर्ष अदालत में दायर करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार का भी ऐसा ही मामला सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है.
आपको बता दें कि त्रिपुरा के दो प्रमुख मंदिरों और लोगों की आस्था का केंद्र रहे देवी त्रिपुरेश्वरी मंदिर और चतुरदास देवता मंदिर में बड़े पैमाने पर पशुओं की बलि दी जाती है. कोर्ट ने इन दोनों मंदिरों में तुरंत सीसीटीवी कैमरे लगवाने का भी आदेश दिया है. प्रदेश के कई गैर सरकारी संगठनों ने उच्च न्यायालय के इस फैसले से सहमति जताई है. जबकि कुछ लोगों ने कहा है कि त्रिपुरा सरकार को इस फैसले के खिलाफ अपील करनी चाहिए.
भारत की अमेरिका को दो टूक, कहा- कोई देश ना बताए कि हमें रूस से क्या खरीदना है और क्या नहीं
फडणवीस पर चुनावी हलफनामे में जानकारी छिपाने का आरोप, SC ने दिया मुकदमा चलाने का आदेश
यह है चीन की सबसे ताक़तवर मिसाइल, महज 30 मिनिट में अमेरिका में मचा सकती है तबाही...