शुक्रवार को, सत्तारूढ़ टीआरएस नेता और अविभाजित करीमनगर जिले के पूर्व जेडपी अध्यक्ष तुला उमा ने टीआरएस पार्टी नेतृत्व को नारा दिया। बता दें कि उन्होंने आरोप लगाया कि "उन्हें राज्य के लोगों से अलग करने की साजिश रची जा रही है"। यहां यह ध्यान देने योग्य बात है कि मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उमा ने आश्चर्य जताया कि क्या उनके जैसे नेताओं को विधायक और राज्य मंत्री बनने का अधिकार नहीं है।
उसने स्पष्ट किया कि वह सभी लोगों के आंदोलन का हिस्सा थी। उन्होंने टीआरएस नेतृत्व पर "अलग तेलंगाना राज्य के विश्वासघातियों" को पद देने का आरोप लगाया, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि टीआरएस के बागी नेता ने पार्टी नेताओं से पूछा कि सबिता इंदिरा रेड्डी और सुनीता लक्ष्मा रेड्डी जैसे अलग-अलग आंदोलन के "धोखेबाज" कैसे दिए गए।
वेमुलावाड़ा के विधायक चेन्नामनेनी रमेश का जिक्र करते हुए उमा ने जानना चाहा कि पार्टी ने अब तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की। उन्होंने कहा कि वह पूर्व मंत्री एटाला राजेंद्र के फैसले के साथ खड़े होने के लिए तैयार हैं, जिन्होंने दिन के दौरान टीआरएस पार्टी छोड़ दी थी।
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